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समयसीमा दरकिनार: अधूरी पड़ी रेलवे की 1248 करोड़ की ‘ग्रेड सेपरेटर’ परियोजना

Railway's grade separator scheme is incomplete

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कटनी

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Balmeek Pandey

Nov 03, 2024

Railway's grade separator scheme is incomplete

सितंबर माह में पूरा होना था अप ग्रेड सेपरेटर का निर्माण, डाउन साइड में सिर्फ पिलर ही खड़े कर सके अफसर, ठेका कंपनी की रेलवे की सुस्त कार्यप्रणाली से परियोजना को लग रहा ग्रहण

कटनी. रेलवे की प्रमुख परियोजनाओं में शामिल कटनी में बन रहे भारतीय रेल के सबसे लंबे ग्रेड सेपरेटर का निर्माणकार्य मंथर गति से चल रहा है। शहरवासी निर्माणकार्य के चलते धूल, डस्ट, भारी वाहनों की आवाजाही से लगातार परेशान है तो दूसरी ओर रेलवे की इरकॉन और ग्रेड सेपरेटर ठेका एजेंसी कार्य को गति देने में नाकाम साबित हो रहे है। कार्य की रफ्तार धीमी होने के कारण इसके निर्धारित समयसीमा में पूरा करना मुश्किल नजर आ रहा है। आलम यह है कि पमरे ने अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है लेकिन सितंबर माह के बाद दो माह पूरे होने के बावजूद अप ग्रेड सेपरेटर का कार्य अबतक अधूरा पड़ा है।
जानकारी के अनुसार रेल परियोजनाओं में कटनी ग्रेड सेपरेटर पश्चिम मध्य रेल की प्रतिष्ठित परियोजना में से एक है। इस परियोजना की लागत लगभग 1248 करोड़ रुपए है। अप ग्रेड सेपरेटर की लंबाई 16 किमी एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर की लंबाई 18 किमी सहित ग्रेड सेपरेट कुल लंबाई 34 किलोमीटर है। इस कुल लम्बाई के पुल में वॉयडक्ट (18 किमी), रिटेनिंग वॉल (3 किमी), अर्थवर्क (13 किमी) के साथ अप एंड डाउन ग्रेड सेपरेटर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रेड सेपरेटर परियोजना के निर्माण की मुख्य विशेषता यह है कि कटनी और कटनी मुड़वारा और न्यू कटनी जंक्शन के व्यस्त यार्ड को पार करने के लिए एलिवेटेड वायाडक्ट उपयोगी साबित होगी। इस ग्रेड सेपरेटर में वायाडक्ट (पुल) की कुल लंबाई 18 किलोमीटर है। अप ग्रेड सेपरेटर में कुल 260 स्पैन और डाउन ग्रेड सेपरेटर में 411 स्पैन निर्माणाधीन हैं। वर्तमान की बात करें तो .अप ग्रेड सेपरेटर का काम जहां करीब 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है, वहीं डाउन ग्रेड सेपरेटर 30 प्रतिशत के करीब ही अटका है।

ऐसा बन रहा है ग्रेड सेपरेटर
कटनी ग्रेड सेपरेटर परियोजना रेलवे की मेगा परियोजनाओं में से एक है। इसमें अप और डाउन दोनों ही लाइन में क्रमश: 16.08 और 18.01 किलोमीटर लंबी रेल ओवरब्रिज का निर्माण होगा। इसमें अप लाइन में झलवारा से एक लाइन आएगी और दूसरी कटंगीखुर्द की ओर से आएगी। दोनों लाइन आरओबी में उपर ही उपर पड़रिया फाटक के पास मिलेगी और आगे मझगवां तक जाएगी।

2023 में होना था पूरा, अबतक अधूरा
जानकारी के अनुसार ग्रेड सेपरेटर का निर्माणकार्य दिसंबर 2023 में पूरा होना था लेकिन लेटलतीफी के चलते ऐसा नहीं हो सका। अफसरों ने जून 2024 समयसीमा तय की लेकिन कार्य अधूरा ही रहा। इसके बाद अफसरों ने इस दो भागों में बांटकर समयसीमा निर्धारित की। रेलवे जीएम ने खुद दावा किया कि अप ग्रेड सेपरेटर का काम सितंबर 2024 तक और डाउन ग्रेड सेपरेटर का काम मार्च 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है लेकिन यह लक्ष्य भी अधूरा रह गया।

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एनकेजे में फंस रही गाडिय़ां, यात्री हलाकान
ग्रेड सेपरेटर बनने के बाद एनकेजे हम्प गेट व यार्ड में होने वाली ट्रेनों की लेटलतीफी से राहत मिलने की आस है। वर्तमान में इस एरिया से ट्रेनों का आवागमन मुश्किल हो जाता है। अधिकांश ट्रेनें यहां 10 से 30 मिनट तक फंसी रहती है और रूट क्लीयर होने के बाद निकलती है। इसी तरह उपनगरीय क्षेत्र एनकेजे में ग्रेड सेपरेटर निर्माण के चलते रहवासी परेशान है। धूल-डस्ट और भारी वाहनों की आवाजाही से आमजन हलाकान है। मुड़वारा स्टेशन में अमृत भारत योजना के तहत हो रहा सौंदर्यीकरण भी अधूरा पड़ा हुआ है।

रेलवे को यह होगा फायदा

  • बीना-कटनी रेलखण्ड में गुड्स ट्रेन के परिचालन में वृद्धि होगी।-कटनी से बिलासपुर और सिंगरौली के लिए अतिरिक्त रेल लाइन का सीधे संपर्क जुड़ जाएगा।-कटनी, नई कटनी, कटनी मुड़वारा जैसे अतिव्यस्त क्षेत्र से रेलखंड का बायपास होगा।-माल यातायात में वृद्धि होने से फ्रेट ट्रेनों के समय मे बचत होगी साथ ही आवागमन में आसानी होगी।
  • पश्चिम मध्य रेल के रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी।

यह है रेलवे का ग्रेड सेपरेटर

  • 34.9 किलोमीटर है ग्रेड सेपरेटर की कुल लंबाई
  • 18.3 किलोमीटर का वॉयडक्ट
  • 4.3 किलोमीटर का रिटेनिंग वॉल
  • 12.3 किलोमीटर अर्थवर्क
  • 673 पियर्स अब्यूटमेंट्स
  • 08 रेल ओवर ब्रिज (आरओआर)
  • 06 मेजर ब्रिज निर्माण कार्य
  • एलिवेटेड डेक पर पॉइंट्स और क्रासिंग।