
Special mantras of goddess lakshmi for your future
सनातन धर्म में देवी मां लक्ष्मी को प्रमुख देवियों में माना गया है, वे मुख्य रूप से धन की देवी मानी जाती है। वहीं आज के दौर में धन की महत्ता देखते हुए हर कोई मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहता है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वैसे को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कई तरीके हैं, लेकिन सप्ताह के एक निश्चित दिन इन्हें एक खास तरीके से जल्द प्रसन्न कर मनचाहा आशीर्वाद पाया जा सकता है। जिसके लिए एक खास मंत्र भी है, जो देवी मां लक्ष्मी को तुरंत प्रसन्न करता है।
पंडित शर्मा का कहना है कि हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इन्हीं रुपों में एक मां वैभव लक्ष्मी (Maa Vaibhav Lakshmi) की शुक्रवार (Friday) को पूजा की जाती है।
माना जाता है कि पूरे मन से मां वैभवलक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक (Economy) परेशानियां दूर होती हैं और भक्त की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख शांति भी रहती है। पं. शर्मा के अनुसार शुक्रवार को मां वैभव लक्ष्मी को प्रसन्न करने की कुछ खास विधि है, जिसके अनुसार पूजा कैसे करें और व्रत का पालन कैसे करें, इसका ज्ञान होना अतिआवश्यक है।
ये सभी परेशानियां भी दूर करती हैं देवी माता...
अगर लंबे समय से कई कोशिशों के बाद भी आपका कोई सोचा हुआ काम नहीं बन पा रहा है या फिर धन के मामले में लगातार हानि हो रही है तो मां वैभव लक्ष्मी Maa Vaibhav Lakshmi की पूजा जरूर करें।
इसके अलावा यदि कोर्ट कचहरी के मामले से आप नहीं निकल पा रहे हैं या फिर विद्यार्थियों को सफलता नहीं मिल पा रही है तो माना जाता है कि शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी का व्रत करने से उन्हें सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा भी वैभव लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी होती है।
मां वैभव लक्ष्मी की पूजा विधि
मां वैभव लक्ष्मी Maa Vaibhav Lakshmi को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को सुबह स्नान के बाद महिलाएं शुद्ध होकर साफ वस्त्र धारण करें। सुबह ही घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और मां लक्ष्मी का ध्यान करके सारा दिन व्रत रखने का संकल्प लें। इस पूरे दिन आप फलाहार करके यह व्रत रख सकते हैं, चाहें तो शाम को व्रत पूर्ण होने के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं।
शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को फिर से स्नान करें। पूजन करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं। उसके बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर वैभव लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें और श्रीयंत्र को तस्वीर के पीछे या बगल में रखें।
वहीं वैभव लक्ष्मी की तस्वीर के सामने मुट्ठी भर चावल का ढेर लगाएं और उस पर जल से भरा हुआ तांबे का कलश स्थापित करें। इसके बाद कलश के ऊपर एक छोटी सी कटोरी में सोने या चांदी का कोई आभूषण रख लें। इसके अलावा वैभव लक्ष्मी की पूजा में लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल जरूर रखें।
प्रसाद के लिए घर में गाय के दूध से चावल की खीर बनाएं। अगर किसी कारणवश खीर न बना सकें तो मां लक्ष्मी को भोग में आप सफेद मिठाई या फिर बर्फी भी दे सकते हैं। पूजा के बाद लक्ष्मी स्तवन का पाठ करें या फिर वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें....
मंत्र :या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥
वैभव लक्ष्मी के व्रत में श्रीयंत्र की भी पूजा करें। पूजा के वक्त श्रीयंत्र को लक्ष्मी माता के पीछे रखें और पहले उसकी पूजा करें और उसके बाद वैभव लक्ष्मीजी की पूजा करें। फिर व्रत कथा पढ़ें और इसके बाद गाय के घी से दीपक जलाकर आरती करें। कथा पूजन के बाद मन ही मन कम से कम 7 बार अपनी मनोकामना को दोहराएं और मां लक्ष्मी का ध्यान करें। उसके बाद मां लक्ष्मी का प्रसाद ग्रहण करके घर के मुख्य द्वार पर घी का एक दीपक जलाकर रखें।
मां वैभव लक्ष्मी का दूसरा मंत्र:
यत्राभ्याग वदानमान चरणं प्रक्षालनं भोजनं।
सत्सेवां पितृ देवा अर्चनम् विधि सत्यं गवां पालनम।।
धान्यांनामपि सग्रहो न कलहश्चिता तृरूपा प्रिया:।
दृष्टां प्रहा हरि वसामि कमला तस्मिन ग्रहे निष्फला:।।
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