scriptअक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में गुलजार होगा बाजार | बन रहा राज और रवि योग, 10 मई को होंगे मांगलिक कार्य | Patrika News
समाचार

अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में गुलजार होगा बाजार

बन रहा राज और रवि योग, 10 मई को होंगे मांगलिक कार्य

छिंदवाड़ाMay 04, 2024 / 01:00 pm

ashish mishra


छिंदवाड़ा. अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में बाजार फिर से गुलजार होंगे। अक्षय तृतीया का दिन अति शुभ माना गया है, इस दिन किसी भी मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं होती। ऐसे में इस दिन जिलेभर में 200 से अधिक शादियों का अनुमान है। सोने-चांदी महंगे होने के बावजूद भी इस दिन खूब बिक्री होगी। इसके लिए अभी से ही एडवांस बुकिंग शुरु हो गई है। कपड़ा, इलेक्ट्रानिक, बर्तन सहित सभी क्षेत्रों जमकर खरीदारी शुरु हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना जाता है। बैसाख शुक्ल पक्ष की शुरुआत 9 मई को होगी। प्रतिपदा तिथि का क्षय होने के कारण दूसरे ही दिन 10 मई को अक्षय तृतीया रहेगी। इस दिन सूर्योदय से लेकर सुबह 10.46 बजे तक यम घंट योग भी रहेगा। अबूझ मुहूर्त होने के बावजूद यह योग बीतने पर ही मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे। क्योंकि इसके बाद राज और रवि योग रहेंगे। इस दिन भगवान परशुराम की जयंती भी है। पंडित दिनेश शास्त्री ने बताया कि यम घंट को अशुभ योग माना गया है, इसलिए इस अवधि में शुभ कार्य की वर्जना है। प्रतिपदा के दिन ही द्वितीया तिथि भी आ जाएगी। अमावस्या पर 8 मई को रात 9 बजे से प्रतिपदा की तिथि शुरू होगी, जो 9 मई को सुबह 6.23 बजे खत्म हो जाएगी। फिर द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। यह 10 मई को तडक़े 4.20 बजे तक रहेगी। इसके बाद तृतीया तिथि शुरू होगी, इसलिए उदियात तिथि के रूप में अक्षय तृतीया इसी दिन मानी जाएगी।
इस दिन खरीदारी शुभ
शास्त्रीय मान्यता है कि धन के देवता और सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर ने देवी लक्ष्मी की पूजा की थी। इस पर माता लक्ष्मी ने उन्हें शाश्वत धन और समृद्धि का आशीर्वाद दिया था। अक्षय तृतीया के दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ माना गया है। इससे पूरे साल घर में सुख और समृद्धि आती है। इसी दिन व्यापार आरंभ भी विशेष फलदायी कहा गया है।
भगवान की पोशाक बदलने की प्रथा
बैसाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि के दिन अक्षय तृतीया (आखा तीज) से भगवान की पोशाक और उनका श्रृंगार भी बदल जाएगा। सतयुग एवं त्रेता युग का प्रारंभ इसी दिन से होने से इसे युगादि तिथि भी माना जाता है। इसलिए इस दिन भगवान का विशेष श्रृंगार के साथ उन्हें नूतन वस्त्र धारण कराए जाते हैं। साथ ही उन्हें ग्रीष्म ऋतु के अनुसार भोग सामग्री एवं शीतल जल प्रदान किया जाता है।
तीन साल में होता है ऐसा
तीन साल में होता है ऐसा
ज्योर्तिविदों के मुताबिक ऐसा 3 साल में एक बार होता है, जब शुरुआती तिथि का क्षय होता है और उसी दिन दूसरी तिथि लग जाती है। अक्षय तृतीया की शुरुआत भले ही अशुभ योग से होगी लेकिन सुबह 10.46 बजे के बाद दिनभर राज योग और रवि योग रहेगा। इनकी शुरुआत सुबह 10.47 से होगी और ये 11 मई को तडक़े 4 बजे तक रहेंगे।

Hindi News/ News Bulletin / अक्षय तृतीया के अबूझ मुहूर्त में गुलजार होगा बाजार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो