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दुर्गा पूजा उत्सव 2020 : ये चार दिन हैं बेहद खास, ऐसे होगी हर मनोकामना पूरी

: 2020 में नवरात्र कब है? Navratri 2020 mein kab hai: दुर्गा पूजा के 10 दिन क्या हैं? What are the 10 days of Durga Puja?: 2020 में कैसे आएगी मां दुर्गा? How will Maa Durga come in 2020?: नवरात्रि कब है? Navratri kab hai: दुर्गा पूजा किस राज्य में प्रसिद्ध है? Which state is famous for Durga Puja?: 15 दिनों तक दुर्गा पूजा किस देश में मनाई जाती है? In which country is Durga Puja celebrated for 15 days?

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दुर्गा पूजा हिंदू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। देवी दुर्गा की आराधना का यह पर्व दुर्गा उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। दुर्गा पूजा 10 दिनों तक चलने वाला पर्व है। इस पर्व की विधिवत शुरुआत षष्टी से होती है। मान्यता है कि देवी दुर्गा इस दिन धरती पर आई थीं। षष्ठी के दिन बिल्व निमंत्रण पूजन, कल्पारंभ, अकाल बोधन, आमंत्रण और अधिवास की परंपरा होती है।

अगले दिन महासप्तमी पर नवपत्रिका या कलाबाऊ पूजा की जाती है। महाअष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है। महाअष्टमी पर संधि पूजा होती है। यह पूजा अष्टमी और नवमी दोनों दिन चलती है। संधि पूजा में अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट के समय को संधिक्षण कहते हैं। अंत में दशमी के मौके पर दुर्गा विसर्जन, विजयदशमी और सिंदूर उत्सव मनाया जाता है।

वहीं इस बार यानि 2020 की नवरात्रि कई मायनों में बहुत ही खास है। इसके तहत जहां 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि / दुर्गा पूजा उत्सव 2020 का पर्व शुरु होने जा रहा है, वहीं यह 25 अक्टूबर तक रहेगा और इसी दिन विजयादशमी का उत्सव भी मनाया जाएगा। इस बार की नवरात्रि कई मायनों में खास है आइये जानते हैं इसके कारण...

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1. हर वर्ष श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के बाद नवरात्रि अश्‍विन माह में ही प्रारंभ होती है, परंतु इस बार नवरात्रि पितृ पक्ष की समाप्ति के करीब 1 माह बाद से शुरु हो रहीं है। ऐसा अश्विन मास में पुरुषोत्तम मास लगने के कारण हुआ जिसके चलते 1 महीने के अंतर पर नवरात्रि आरंभ होगी। ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होने जा रहा है। श्राद्ध पक्ष / पितृ पक्ष 2 सितंबर से शुरु होकर 17 सितंबर 2020 तक चले थे। नियम के अनुसार ऐसे में 18 सितंबर से नवरात्रि का शुरु हो जानी थीं, लेकिन इस दिन से पुरुषोत्तम मास शुरु हो गया है। इस बार देवी मां घोड़े पर आएंगी।

2. आश्विन महीने में अधिक मास यानि पुरुषोत्तम मास 18 सितंबर से शुरू होकर 16 अक्टूबर तक चल रहा है। इसी कारण है कि इस बार आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत 17 अक्टूबर से होगी और यह 25 अक्टूबर तक रहेगी। वहीं 25 अक्टूबर को ही दशहरा भी होगा। जबकि दीपावली 14 नवंबर 2020 को मनाई जाएगी।

3. इस बार की नवरात्रि विशेष फलदायी है क्योंकि तीन वर्ष बार अधिकमास के होने के बाद नवरात्रि का प्रारंभ होने से विशेष दान-पुण्य, उपवास और साधना से लाभ प्राप्त किया जा सकता है। करोना काल में घर में रहकर भोजन का लुफ्त उठाने के बाद अब यही अवसर है उपवास से लाभ प्राप्त करने का।

4. देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का आगमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में हमें संकेत देता है और चेताता है। माना जाता है कि अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को हो रही है तो इसका मतलब है कि वो हाथी पर आएंगी, शनिवार या फिर मंगलवार को है तो मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र का आरंभ होता है तो माता डोली पर आती हैं और वहीं बुधवार के दिन मां नाव को अपनी सवारी बनाती हैं। ऐसे में इस बार माता का आगमन घोड़े पर हो रहा है।

जबकि इस बार माता भैंसे से विदा होंगी। मान्यता अनुसार घोड़े पर आने से पड़ोसी देशों से युद्ध, सत्ता में उथल-पुथल और साथ ही रोग और शोक फैलता है। इसलिए नवरात्रि के दौरान पूरे मन से देवी की अराधना करें, व्रत करें ताकि मां आपके सारे दु:ख और संकट को दूर करके मनोकामना पूर्ण करेंगे।

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5. जानकारों के अनुसार 18 और 24 अक्टूबर को सिद्धि महायोग बन रहा है। इसके अलावा 17, 19, 23 और 24 अक्टूबर 2020 को विशेष साधना करके हर तरह की मनोकामना पूर्ण की जा सकती है।

6. साधकों को छोड़कर सामान्यजनों के लिए यह समृद्धि देने वाले नौ दिन हैं। उपवास रखकर अच्छे से माता की आराधना करना चाहिए।

7. वहीं रिश्तों को सुधारने के लिए 18 और 19 अक्टूबर को प्रीति योग में मां को शहद अर्पित करके किसी जरूरतमंद को दान कर दें।

8. नवरात्रि के ही दौरान 21 अक्टूबर को ललिता पंचमी का दिन है, जो समृद्धि के लिए उपयोगी है अत: इस दिन माता की अर्चना करें और ललिता सहस्त्रनाम का पाठ करें।

9. रामनवमी के दिन दुर्गा माता की नवमी की पूजा के साथ ही रामरक्षा स्त्रोत का पाठ आपको हर तरह तरह के शोक और रोग से बचाएगा।

10. नवरात्रि को इन दिनों में मंत्रों को सिद्ध किया जा सकता है, क्योंकि सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है।

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