
नोएडा। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7th CPC का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों को इसी वित्त वर्ष से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। वह भी वेतन आयोग की सिफारिशों से ज्यादा। सूत्रों की माने तो मोदी सरकार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले इस मामले को सुलझाना चाहती है। अब खबर है कि सरकार न्यूनतम सैलरी 18 हजार के बजाए 21 हजार करने पर भी विचार कर रही है। जबकि उत्तर प्रदेश के राज्यकर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद भी नाराज हैं।
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इस बीच खबर यह भी है कि सरकार की अगला वेतन आयोग खत्म करने की भी प्लानिंग है। 7th Pay Commission को लेकर नोएडा समेत प्रदेश भर के सरकारी कर्मचारियों को लंबा इंतजार था। हालांकि जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने सातवां वेतन लागू कर नोएडा के हजारों सरकारी कर्मचारियों को बड़ा गिफ्ट दिया है। लेकिन नोएडा के लोगों की मानें तो इसमें और भी बढ़ोतरी की जानी चाहिए। कारण, पिछले कुछ समय से जिस तरह महंगाई बढ़ी है उसके हिसाब से 7th Pay Commission में की गई बढ़ोतरी नाकाफी है।
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दरअसल, राज्य सरकार ने 1 जुलाई से यूपी के सरकारी कर्मचारियों का हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और सिटी कंपनसेट्री अलाउंस (CCA)दोगुना कर दिया। जिसके बाद से कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा हुआ है। हालांकि नोएडा में रहने वाले सरकारी कर्मचारियों से इस बाबत बात की गई तो वह इससे असंतुष्ट दिखे।
ऑटोमेटिक पे रिवीजन सिस्टम से नोएडा के लोगों में नाराजगी
खबरों के मुताबिक सातवें वेतन आयोग के बाद अगला वेतन आयोग नहीं आएगा। सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि 68 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 52 लाख पेंशन धारकों के लिए एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक वृद्धि हो जाए। इस व्यवस्था को 'ऑटोमैटिक पे रिविजन सिस्टम' के नाम से शुरू किया जा सकता है।
कर्मचारियों का मानना है कि वेतन वृद्धि की मौजूदा सिफारिशों से उनके लिए सम्मानपूर्वक जीना मुश्किल होगा। इस तरह की चर्चा से पश्चिमी यूपी के लोगों में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब केंद्र सरकार पे कमीशन लागू करती है तो उसके हिसाब से राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करती है। जब केंद्र सरकार पे कमीशन लाना ही बंद कर देगी तो उससे हमारी भी वेतन वृद्धि रुक जाएगी। नोएडा के सेक्टर-22 स्थित प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक रमेश भारद्वाज ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इससे वेतन वृद्धि रुक जाएगी।
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गौरतलब है कि प्रदेश में 7वां वेतन आयोग 1 जुलाई 2018 से लागू हो चुका है। बढ़े हुए HRA और CCA से नोएडा समेत वेस्ट यूपी के लाखों कर्मचारियों को फायदा पहुंचा है। HRA में बढ़ौतरी के बाद राज्य सरकार के खजाने पर 2,223 करोड़ रुपए और CCA से 175 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा है।
Updated on:
13 Aug 2018 02:52 pm
Published on:
12 Aug 2018 09:09 pm
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