उधर आम आदमी पार्टी ने प्रोफेसर श्वेता शर्मा को गौतमबुद्ध नगर से अपना उम्मीवार बनाया था। उन्होंने तय समय में अपना नामांकन दाखिल किया था। मंगलवार को पर्चे की जांच के बाद उनका नामांकन अस्वीकार कर दिया गया। जिला निर्वाचन कार्यालय ने आम आदमी पार्टी की ओर से कम प्रस्तावक होने से नामांकन रद्द किया गया है। आम आदमी पार्टी की महिला प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने से पार्टी कार्यकर्ता निराश है। अब पार्टी और महिला प्रत्याशी कोर्ट की शरण लेंगे और जिला निर्वाचन कार्यालय से रद्द हुए फैसले को चुनौती देगें।
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आपको बता दें कि श्वेता शर्मा उत्तर प्रदेश सरकार के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की रिश्तेदार हैं। चर्चा थी कि ब्राह्मण जाति का होने के कारण वे भाजपा प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। लेकिन, नामांकन अस्वीकार होने से कईयों ने राहत के लिए राहत मानी जा रही है। प्रोफेसर श्वेता शर्मा के अलावा जिन दूसरे उम्मीदवारों का नामांकन रद्द किया गया है, उनमें निर्दलीय सुनील गौतम, निर्दलीय सुभाष चंद्र गोयल, राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के इकबाल, निर्दलीय जगदीश, निर्दलीय आदेश त्यागी, भारतीय भाईचारा पार्टी के सुरेंद्र और स्वतंत्र जनता राज पार्टी के बृजेश कोरी शामिल हैं।
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक कुल 21 लोगों ने पर्चे भरे थे। जिसमें आम आदमी पार्टी की एकमात्र महिला उम्मीदवार थीं। आखरी दिन रिकार्ड 17 लोगों ने नामांकन किया था। इनमें 12 राजनीतिक दलों के प्रत्याशी और पांच निर्दलीय शामिल थे। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 28 मार्च है। 28 मार्च को स्थिति और साफ हो जाएगी कि गौतमबुध्द नगर सीट से कुल कितने उम्मीदवार होंगे।