
सपा, बसपा और रालोद के प्रत्याशियों को करना होगा ये काम, तभी मिलेगा टिकट
नोएडा. लोकसभा 2019 चुनाव को करीब देखते हुए राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है। राजनीतिक दल वोट पाने के लिए गणित बैठाने में लगे है। वोट और सपोर्ट के साथ-साथ नोट पाने की राजनीतिक पार्टियां जुगत लगा रही है। लोकसभा से लेकर आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट पाने के लिए प्रत्याशियों को पार्टी फंड देना होगा। यह फंड सिर्फ एक प्रत्याशी को ही नहीं, बल्कि टिकट के लिए दावेदारी ठोकने वाले अन्य दावेदारों को भी देना होगा। चुनाव के लिए दावेदारी ठोकने वाले प्रत्याशियों को अब इतने रुपये बतौर पार्टी फंड देना होगा।
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बसपा, सपा और आरएलडी ने पार्टी फंड जुटाने की प्लानिंग कर रही है। इस बार एक तरफ जहां पार्टी फंड के तौर सदस्यता शुल्क लेने की योजना बनाई है। वहीं पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट की दावेदारी ठोकने वालों से फंड लेने की प्लनिंग की है। पार्टी सुत्रो की माने तो टिकट के लिए दावेदारी पेश करने वालों को 5 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक पार्टी फंड देना होगा। ये रुपये बतौर पार्टी फंड के तौर पर लिए जाएंगे। यह व्यवस्था लोकसभा चुनाव के साथ—साथ् आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रत्याशियों को पार्टी फंड देना हो्गा।
आरएलडी के प्रदेश महामंत्री संगठन राजकुमार सांगवान के मुताबिक पार्टी की तरफ से सदस्यता शुल्क ली जाती है। यह सदस्यता शुल्क पांच रुपये है। सदस्यता शुल्क को संगठन को संचालित करने में खर्च किया जाता हैं। वहीं बसपा के सूत्रों की मानें तो टिकट के लिए दावेदारी ठोकने वाले एससी-एसटी वर्ग के दावेदार को 5 हजार, ओबीसी वर्ग के दावेार को 10 हजार और सामान्य वर्ग के दावेदारों से 15 हजार रुपये बतौर पार्टी फंड लिया जा सकता है। वहीं बसपा पार्टी से जुड़ने वालों को भी सदस्यता शुल्क देनी होगी। सपा के प्रदेश सचिव चौधरी राजपाल सिंह के मुताबिक लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी पेश करने वालों को 20 हजार रुपये का बतौर पार्टी फंड देना होगा। पार्टी में सक्रिय सदस्य रहना होगा।
Published on:
10 Sept 2018 04:02 pm
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