किसानों ने क्या कहा ?
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि वार्ता और संवाद से ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। किसानों ने कहा कि शासन-प्रशासन और सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन को अपनी बातों को मनवाने का एक माध्यम मात्र ही समझा जाए और गौतमबुद्ध नगर के आंदोलन को देश में अन्यत्र स्थान पर हो रहे आंदोलन के साथ जोड़कर नहीं देखा जाए।
Farmer Protest: क्या हैं किसानों की मांगे ?
किसानों ने मांग की है कि सर्वप्रथम तुरंत प्रभाव से संयुक्त किसान मोर्चा का एक डेलिगेशन जेल में मीटिंग के लिए भेजा जाए। जिससे वार्ता का यह दौर आगे की तरफ चले और जेल में बंद नेताओं से बात कराई जाए। किसानों की मांग को लेकर एडिशनल कमिश्नर शिवहरी मीणा और डीएम गौतमबुद्ध नगर दोनों ने ही पुलिस के इन क्रियाकलापों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने और किसानों की बिना शर्त रिहाई के लिए आश्वस्त किया। जेल में बंद नेताओं की हो रिहाई
संयुक्त किसान मोर्चा ने उम्मीद जताई है कि इस मीटिंग के बाद शासन-प्रशासन सकारात्मक रवैया अपनाएगा और अफरा-तफरी के इस माहौल को खत्म करके संवाद की तरफ आएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि सबसे पहले जेल में बंद अपने नेताओं और किसानों को बाहर लाएगा और फिर संवाद की रणनीति के तहत जिन मुद्दों पर आंदोलन शुरू हुआ था, उन्हें आगे लेकर चलेगा और समाधान करेगा।
सोर्स: IANS