
इस गांव के बाहर लगे बोर्ड पर किसानों ने लिखी चेतावनी, भाजपा नेता यहां न आएं नहीं तो होगा बुरा , जानिए क्यों
अमरोहा।हाल में अपनी समस्याआें को लेकर हरिद्वार से लेकर हरियाणा आैर पंजाब समेत अलग अलग बैनर तले किसानों के दिल्ली में दाखिल होने से रोकने पर उनका गुस्सा फूट गया था। जिसके बाद जमकर लाठी आैर पानी बरसाया गया। वहीं किसानों ने भी पथराव किया था। इसके बाद उनसे गृहमंत्री व अन्य भाजपा नेता भी मिले। आैर कुछ शर्तों को मानते हुए जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद भी किसानों का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। इसका नजारा अमरोहा के गांव रसूलपुर में देखने को मिला।यहां किसानों ने भाजपा नेताओं के घुसने पर प्रतिबन्ध लगाने के साथ ही चेतवानी भरा बोर्ड भी लगा दिया है।जिसके बाद भाजपा खेमे में हडकंप मच गया है।
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किसानों ने भाजपा नेताआें के लिए लिख दी यह चेतावनी
अमरोहा के तहसील धनौरा का गांव रसूलपुर एक बोर्ड पर कुछ एेसा लिखने के बाद चर्चाआें में आ गया है। दरअसल किसानों ने गांव के बाहर एक बोर्ड लगा दिया है। जिस पर किसान एकता जिंदाबाद का नारा लिखने के साथ ही इस पर भाजपा नेताआें को चेतावनी दे दी है। इस पर लिखा है कि बीजेपी वालों का इस गांव में आना सख्त मना है। जान माल की स्वंय रक्षा करें। सौजन्य से किसान एकता, रसूलपुर माफ़ी,अमरोहा। इस बोर्ड के लगने से स्थानीय भाजपा के साथ ही पुलिस प्रशासनिक खेमे में भी हड़कंप मच गया है।
इस वजह से लगाया गांव के बाहर यह बोर्ड
इसी गांव के रहने वाले किसान धर्मपाल ने बताया कि वे किसान क्रांति यात्रा में गए थे। लेकिन गाजियाबाद बोर्ड से आगे उन्हें और हजारों किसानों को दिल्ली में नहीं जाने दिया गया। यही नहीं बेगुनाह और निहत्थे किसानों पर लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गये। जिसमें कई लोग घायल हुए। खुद धर्मपाल भी घायल हुए। उन्होंने कहा कि किसानों की बात का दिखावा करने वाली भाजपा सरकार अब उन्हें बर्दाश्त नहीं है।
किसान नेता ने कहा पिछली लोकसभा में किसानों से किए वादे पूरे करें भाजपा सरकार
वही इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने कहा कि ये किसान का दर्द है। जो इस तरह बाहर निकल कर आया है। सरकार को गंभीरता से किसानों की मांगों पर ध्यान देकर उसे चुनावों से पहले पूरा करना पड़ेगा। भाजपा ने 2014 में जो घोषणा पत्र दिया था वाही लागू करे।आज 2014 के मुकाबले महंगाई दुगनी हो गयी है। किसान का दर्द जब सरकार नहीं सुन रही तो ऐसी सरकार का क्या होगा। भारत का दिल गांव में है और उसे सींचता किसान है। इसलिए सरकार को लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की मांगों को पूरा करना पड़ेगा। वरना किसान विकल्प पर विचार करेगा।
Published on:
08 Oct 2018 01:13 pm
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