
नोएडा. आईपीएल में सट्टेबाजी का मास्टरमाइंड श्याम बोहरा और उनके चार साथी अपनी गिरफ्तारी के 15 दिन के भीतर ही शनिवार को जेल से बाहर आ गए हैं। उन आरोपियों को ऐसे वक्त में जमात मिली है, जब आईपीएल का रोमांच चरम पर है। ऐसे में सट्टेबाजी के इस मास्टरमाइंड के जेल से बाहर आते ही उसके सट्टेबाजी में फिर से शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। सट्टेबाजी के इन आरोपियों को बाहर आने से जहां सट्टेबाजों में खुशी की लहर है, वहीं पुलिस और एसटीएफ के लिए यह खबर किसी धक्के से कम नहीं है। गौरतलब है कि यूपी एसटीएफ की टीम ने छापेमारी कर बड़ी मुश्किल से गिरोह का भंडाफोड़ किया था।
यूपी एसटीएफ की टीम ने जेपी ग्रींस सोसायटी में छापेमारी के बाद 20 अप्रैल को 21 लाख नकद, 40 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और एलईडी के साथ 4 सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में से आगरा निवासी श्याम वोहरा को सट्टेबाजी का मास्टरमाइंड बताया गया था। उसके अलावा शैलेश, अंकित और सोनीपत निवासी जतिन को भी गिरफ्तार किया था। पूछताछ में इन लोगों ने खुलासा किया था कि आरोपितों का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ है। ये लोग प्रतिदिन करोड़ों रुपये का सट्टे का कारोबार करते हैं।
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पुलिस ने इन सट्टेबाजों की रिहाई पर निराशा जताई है। कासना कोतवाली पुलिस का कहना है कि श्याम वोहरा के परिवार के सदस्य भी इसमें शामिल हो सकते हैं। इनकी भी जांच कर कार्रवाई की जा रही है। वहीं, सट्टेबाजी के आरोपियों को जमानत मिलने के बाद पुलिस ने दोबारा सट्टेबाजी का खेल शुरू होने की आशंका जताई है। कासना के एसएचओ ब्रिजेश वर्मा ने इन आरोपियों को चेतावनी दी है कि अगर फिर से ये लोग सट्टेबाजी में पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कर्रवाई की जाएगी।
Published on:
07 May 2018 05:03 pm
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