12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गाजियाबाद में गिरता जा रहा बच्चों की सेहत का ग्राफ, रिपोर्ट से सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

सर्वेक्षणों से लोगों की सेहत से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

3 min read
Google source verification
ill

गाजियाबाद। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों का स्वास्थ पीछे छूटता जा रहा है। यही कारण है कि गाजियाबाद जिले में बच्चे, युवा और बुर्जुग सभी बीमारियों की चपेट में हैं। वहीं सरकार द्वारा भले ही अलग-अलग स्कीम चलाई जा रही हो लेकिन जिले में पांच हजार से अधिक बच्चे आज भी कुपोषण का शिकार हैं। उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन, नेशनल फैमिली हेल्थ और राज्य पोषण मिशन द्वारा किए गए सर्वेक्षणों से लोगों की सेहत से जुड़े चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। वहीं इन आंकड़ों पर गौर करें तो दोनों शहरी व ग्रामिण इलाकों में स्थिति बेहद खराब है। जिसके बाद अब लोगों को जागरुक करने का काम भी किया जा रहा है और उन्हें यह चौंकाने वाले आंकड़े बताए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें : बड़ी खबर : यूपी में अब मात्र 20 रुपये में पेट भरकर मिलेगा आधुनिक तकनीक से बना खाना

पांच हजार बच्चे कुपोषित

वर्ष 2016-17 में राज्य पोषण मिशन की ओर से किए गए सर्वे में पाया गया है कि वर्तमान में गाजियाबाद में करीब पांच हजार बच्चे कुपोषित हैं। वहीं इसमें बड़ी बात यह है कि इन बच्चों में न केवल मलिन बस्तियों के बच्चे शामिल थे, बल्कि उच्च वर्ग के नौनिहालों को भी इसमें जोड़ा गया था। वहीं नेशनल फैमिली हेल्थ द्वारा 2015-16 में किए गए सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक जिले में बच्चे खून की कमी से जूझ रहे हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार शहर के 61 फीसदी और गांव के 65 फीसदी बच्चों के शरीर में खून की कमी है।

पत्रिका टीवी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश बुलेटिन देखने के लिए क्लिक करें

लोगों में मोटापा बन रहा मुसीबत

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार शहरों में रहने वाली करीब 32 फीसदी महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं। वहीं गांवों में 25 फीसदी महिलाएं इससे जूझ रही हैं। वहीं पुरुष भी मोटापे से अछूते नहीं हैं। शहरों में पुरुष जहां 26 फीसदी इससे ग्रस्त हैं वहीं 14 फीसदी ग्रामीण पुरुष मोटापे की चपेट में हैं।

यह भी पढ़ें : डायल 100 से शिकायतों के निपटारे के मामले में यूपी में तीसरे स्थान पर गाजियाबाद

डायबिटीज बनती जा रही गंभीर बीमारी

उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन की वर्ष 2015-16 की एक रिपोर्ट के अनुसार जिले की 14 शहरी आबादी और 10 प्रतिशत ग्रामीण आबादी डायबिटीज की चपेट में है। इस बाबत उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एन.के सोनी ने बताया कि डायबिटीज से बचने का एक ही मात्र तरीका है कि रोजाना पांच किलोमीटर पैदल चला जाए। वहीं जो लोग पैदल नहीं चल रहे हैं, उन्हें भविष्य में इस बीमारी के होने की पूरी संभावना है।

यह भी पढ़ें : स्टेप बाई स्टेप स्कूल में बच्चों के साथ टीचर्स भी हुए फूड प्वाइजनिंग का शिकार

इन बीमारियों से भी ग्रस्त हैं लोग

गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में टीबी रोगियों की संख्या 11 हजार से अधिक है। वहीं एड्स रोगियों की संख्या करीब 1500 है और कैंसर रोगियों की संख्या करीब दस हजार के पास है।

इस तरह से फिट

जिला एमएमजी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील कात्याल ने बताया कि जिस तरह से लोगों में बीमारियों बढ़ रही हैं उनका मुख्य कारण उनकी तेज दौड़ती जिंदगी और गलत खान-पान है। आज के समय में लोगों ने पैदल चलना बंद कर दिया है और अब की पीढ़ी में जंक फूड का सेवन बढ़ गया है। जबकि जरूरी है कि लोग रोज सुबह दो घंटे व्यायाम करें और पौष्टिक आहार लें। इसके साथ ही समय पर सोना भी हमारी सेहत के लिए बेहद जरुरी है। हर किसी को रोजाना 18 घंटे व्रत रखन चाहिए। साथ ही मीठी, नमक व तेल से बनी चीजों का सेवन कम करना चाहिए और तनाव से दूर रहना चाहिए।