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खाली स्कूलों में मौजा ही मौजा

आसपास निवासरत लोगों के मुताबिक शाम के समय समाजकंटक अंदर बैठकर जुआ खेलते है या जाम छलकाते हैं। ये लोग भवन को नुकसान पहुंचाने से भी बाज नहीं आते। शाम होते ही यहां शराबियों व जुआरियों का जमावड़ा लग जाता है।

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नोएडा

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Vivek Varma

Sep 10, 2016

Empty schools Mauja Mauja

Empty schools Mauja Mauja

खाली स्कूल भवन में समाजकंटकों की मौजा ही मौजा
- एकीकरण के बाद खाली पड़े स्कूल भवन परिसर में शाम को लगता है समाजकंटकों का जमघट
आबूरोड ञ्च पत्रिका. एकीकरण के बाद ब्लॉक के कई स्कूलों के भवन खाली पड़े अनुपयोगी साबित हो रहे हैं। देखभाल के अभाव में ये भवन रफ्ता-रफ्ता जर्जर हाल होने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। कई खाली भवनों में तो शाम के समय समाजकंटक डेरा डालकर बैठ जाते हैं। जहां कुछ विद्यालय कक्षा-कक्षों की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं ये अनुपयोगी भवन समाजकंटकों के काम में आ रहे हैं। कई लोग इनमें कूड़ा-करकट डालकर कचरा पात्र के रूप में उपयोग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते तरतोली, गांधीनगर, पाण्डुरी, झामर समेत आसपास के गांवों में समायोजित विद्यालयों के भवनों की हालत हालत खस्ता हो रही है।
जर्जर हाल हो रहे है कई भवन
इन खाली पड़े भवनों की सफाई व सार-सम्भाल की जिम्मेदारी उस स्कूल के संस्था प्रधान की है, जिसके स्कूल में विद्यालय को समायोजित किया गया है। दिक्कत यह है कि ऐसे संस्था प्रधान या अन्य शिक्षक कोई खास काम होने पर ही ऐसे खाली पड़े भवन का रूख करते हैं। प्रेमनगर (गांधीनगर) स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का एकीकरण गांधीनगर माध्यमिक विद्यालय में हो गया। इन भवनों की विभाग की ओर से सार-सम्भाल नहीं होने से ये भवन दिन-प्रतिदिन खस्ता हाल हो रहे हैं।
शराबियों व जुआरियों का अड्डा
तरतोली मार्ग पर स्थित स्कूल भवन की भी हालत कुछ ऐसी ही है। आसपास निवासरत लोगों के मुताबिक शाम के समय समाजकंटक अंदर बैठकर जुआ खेलते है या जाम छलकाते हैं। ये लोग भवन को नुकसान पहुंचाने से भी बाज नहीं आते। शाम होते ही यहां शराबियों व जुआरियों का जमावड़ा लग जाता है। खाली पड़े स्कूल भवन को किराए पर देने का प्रावधान भी है, पर किसी विभाग की ओर से भवन किराए पर नहीं लेने से अधिकतर स्कूल भवन खाली ही पड़े हैं। हालांकि, गणका व मुदरला ग्राम पंचायत कार्यालय स्कूल भवन में ही संचालित हो रहे हैं।

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