
नोएडा।यूपी पुलिस ने बिहार के मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर सुधीर भगत गिरफ्तारी के बाद कई खुलासे किए हैं। पुलिस का दावा है सुधीर भगत फर्जी आईडी के आधार पर नोएडा के हरौला गांव में रहते हुए संगठन को ऑपरेट कर रहा था। पुलिस ने बताया कि सुधीर भगत हर गांव में 5-5 लोगों का संगठन बनाकर अपनी गतिविधियों को संचालित करता था। इतना ही नहीं उसके संगठन में करीब 10 महिला नक्सली भी शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इसका संबंध उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मध्य प्रदेश के नक्सली नेताओं से था, जिनसे मिलकर वह अपने संगठन का विस्तार कर रहा था।
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
नोएडा के सेक्टर-14ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में मीडिय से रू-ब-रू होते हुए गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी अजल पाल शर्मा ने बताया कि पकड़े गए नक्सली पर नरसंहार में शामिल होने का आरोप है। एसएसपी ने बताया की आरोपी के पास से 32 बोर का एक पिस्टल, पांच कारतूस और दो आईडी भी बरामद किया गया है। बरामद की गई आईडी में एक फर्जी है। एसएसपी ने बताया कि वह वर्ष-2015 से फर्जी आईडी के आधार पर यहां रह रहा था। इतना ही नहीं उसपर पचास हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था।
करीब 40 लोगों का है संगठन
एसएसपी ने आगे बताया कि सुधीर ने अपनी पहचान छुपाने के लिए फर्जी आईडी बनवाई थी। इस आईडी में उसने अपना नाम लोहा सिंह उर्फ आदित्य कुमार पुत्र साधुशरण भगत, निवासी जाफरपुर फुलार, थाना पाऊ, जिला मुजफ्फरपुर दर्ज कराया था। सुधीर कुमार वर्ष-2013 से मोदीनगर के दिव्यज्योति कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़कर अनिल गैंग में शामिल हो गया। उसके साथ मिलकर नरसंहार व हत्याकांड को अंजाम दिया। उसकी सक्रियता की वजह से उसे नक्सल संगठन का एरिया कमांडर बना दिया गया। पुलिस कप्तान ने बताया कि सुधीर कुमार ने 35-40 लोगों का संगठन बनाया और सभी को एके-47, एसएलआर, टीएनटी, कारबाइन और बम बनाने की ट्रेनिंग दी।
कई हत्याकांड में शामिल है सुधीर भगत
पुलिस के मुताबिक, सुधीर भगत ने मनन सिंह हत्याकांड, भोला सिंह हत्याकांड और मोतीपुर प्लांट जलाने का काम किया। उसने महेश्वर भगत हत्याकांड जैसे जघन्य अपराध को भी अंजाम दिया, जिसमें वह फरार चल रहा था। इसी मामले में उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उन्होंने बताया कि इसके संगठन के लोग ईंट भट्ठे से 50 हजार और बड़े कारोबारियों से 3 से 5 लाख रुपये की वसूली करते थे। वसूले गए रकम का इस्तेमाल हथियार खरीदने और संगठन की गतिविधियों के संचालन में किया जाता था।
बिहार से लाता था AK-47
पुलिस का यह भी कहना है कि सुधीर भगत बिहार के मोतिहारी से 5 से 7 लाख रुपये में एके-47 खरीदकर लाता था। यह वर्ष-2015 में गैबन इंडिया कांड, सीएनसी विस्फोट आदि घटनाओं में शामिल था। पकड़े गए नक्सली पर बिहार के विभिन्न थानों में हत्या, नरसंहार, अवैध वसूली, आगजनी और विस्फोट आदि के आरोप में 15 मुकदमे दर्ज हैं। इसके गिरोह के अन्य सदस्यों में अनिल राम, रोहित, ललन सेन, बदरी पासवान, रंजय, अमित, सुनील, कमलेश, मदन, संजय राम, सुजीत राम और मुकेश शामिल हैं।
Published on:
27 Mar 2018 05:25 pm
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