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पार्किंग और शहर को फ्री होल्ड करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हजारों नोएडावासी

एनईए के बैनर तले 12 सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों समेत शहर के हजारों लोग इस जन आंदोलन में शामिल हुए।

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पार्किंग और शहर को फ्री होल्ड करने की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हजारों नोएडावासी

नोएडा। शहर के औद्योगिक सेक्टरों को पार्किंग माफियाओं से निजात दिलाने और प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड करने के मुद्दे को लेकर गुरुवार को हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर और जमकर नारेबाजी की। एनईए के बैनर तले 12 सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों समेत शहर के हजारों लोग इस जन आंदोलन में शामिल हुए। सुबह करीब साढ़े 9 बजे संदीप पेपर मिल चौराहे पर अलग-अलग संगठन के हजारों लोग एकत्रित हुए और हाथों में प्राधिकरण मुक्त शहर का बैनर लिए प्राधिकरण तक पैदल मार्च निकाला।

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वहीं इस जन आनदोलन में कुछ भाजपा नेता भी शामिल हुए। हालांकि कुछ देर बाद ही वह दबे पांव वापस लौट गए। प्राधिकरण गेट पर पहुंचकर जनप्रतिनिधियों ने अपने विचार रखें। इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा पहुंचे और शहरवासियों के दोनों मुद्दों का समर्थन करते हुए कहा कि शहर की दोनों समस्याओं के लिए शासन व औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से बात की जाएगी। हालांकि इससे पहले प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से मिलकर इनका हल निकाला जाएगा।

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एनईए अध्यक्ष विपिन मल्हन का कहना है कि नोएडा को पूरी तरह फ्री होल्ड किया जाए। जिसमें आवासीय व कॉमर्शल दोनों ही सेक्टर की प्रॉपर्टी शामिल हों। साथ ही इंडस्ट्रियल क्षेत्र को पूरी तरह पार्किंग मुक्त किया जाए। सेक्टर-18 मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार जैन का कहना कि शहरवासियों की समस्याओं पर प्राधिकरण को जल्द कोई ठोस फैसला लेने की जरूरत है।

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वहीं प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन का कहना है कि शहर के केवल आवासीय सेक्टरों को फ्री होल्ड करने का प्रस्ताव हम बोर्ड बैठक में रखेंगे। इसके बाद ही यह फैसला होगा कि फ्री होल्ड किया जाएगा या नहीं। अगर बोर्ड में यह प्रस्ताव पास होता है तो फाइनल अप्रूवल के लिए इसे शासन को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंस्ट्रियल एरिया में 1000 वर्गमीटर तक के प्लॉट पर पार्किंग फ्री की जा सकती है। पूरे इंडस्ट्रियल क्षेत्र इसके लागू नहीं किया जा सकता। लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें, इसलिए पार्किंग चार्ज ज्यादा रखे गए हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को एनईए सहित 12 संगठनों के साथ नोएडा प्राधिकरण की वार्ता पूरी तरह से विफल हो गई थी। जिसके बाद सभी संगठनों ने नोएडा को आंदोलन में शामिल होने के लिए बुलाया। जिसके बाद हजारों की संख्या में नोएडावासी एकत्रित हुए और नोएडा प्राधिकरण तक पैदल मार्च किया। इस जन आंदोलन में एनईए समेत फोनरवा, कोनरवा, नोएडा लोकमंच, भारत जागरुक नागरिक संगठन समेत कई अन्य संगठनों ने हिस्सा लिया।

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मांगे पूरी होने पर प्राधिकरण को राजस्व का नुकसान

बता दें कि नोएडा प्राधिकरण को हर वर्ष करीब 150-200 करोड़ रुपये का राजस्व सिर्फ लीज रेंट से मिलता है। इसी से पिछले वर्ष 184 करोड़ रुपये का राजस्व प्राधिकरण को प्राप्त हुआ था। यदि शहरवासियों की मांग को मानकर शहर को फ्री होल्ड किया जाता है तो सबसे पहला नुकसान तो यही होगा। इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा सभी सेक्टरों में पार्किंग के ठेके जारी किए गए हैं। लोगों की मांग है कि शहर के औद्योगिक सेक्टरों को पार्किंग मुक्त किया जाए। अगर इस मांग को माना जाता है तो इन सेक्टरों के पार्किंग ठेकों से आने वाले राजस्व का भी नुकसान प्राधिकरण को होगा।