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क्या आपके बच्चों ने देखा है कभी कठपुतलियों का नाच, विलुप्त होती प्राचीन विधाओं को संजोने की एक कोशिश

राजस्थानी लोकगीत पर नाचती कठपुतलियों ने लोगों का मन मोहा

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क्या आपके बच्चों ने देखा है कभी कठपुतलियों का नाच, विलुप्त होती प्राचीन विधाओं को संजोने की एक कोशिश

नोएडा। बहुत साल पहले जब हमारे देश में टीवी की भी शुरूआत नहीं हुई, तब अपनी बातों को लोगों तक पहुंचाने उन्हे समझाने और लोगों के मनोरंजन के लिए अलग-अलग तरिकों को अपनाया जाता था। उनमे से ही एक है कथपुतलियों के जरिए लोगों संदेश के साथ ही मनोरंजन करना। लेकिन समय के साथ काफी बदलाव हुआ सूचना के अनेक प्रकार सामने आ गए जिसकी वजह से अब प्राचीन कलाकृतिया वलुप्त होती जा रही हैं। लेकिन नोएडा लोकमंच ने अपने सांस्कृतिक प्रकल्प 'पहला कदम संस्कृति की ओर...' अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से विलुप्त होती इन प्राचीन परम्पराओं और संस्कारों के बारे मे युवा पीढ़ी को जागरूक करने का जिम्मा उठाया है। जिसके तहत कठपुतली कला को पेश किया गया। राजस्थानी लोकगीत पर नाचती कठपुतलियां का संचालन रमाया गुप ने किया,ये आयोजन सैक्टर 38ए स्थित गार्डन गललेरिया माल में किया गया।

किसी सांस्कृतिक मेले में इस तरह के राजस्थानी लोकगीत पर नाचती कठपुतलियां बरबस ही ध्यान खींच लेती हैं,लेकिन अगर प्राचीन पम्परगत कठपुतलियां के मनोरंजन के साथ आधुनिकता का मेल हो तो बच्चों को ही नहीं बड़ों को भी बहुत भाता है। बच्चे भी कठपुतलियों के कैरेक्टर को अपने बीच पा कर अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे थे। उनके चेहरो पर जो खुशी दिखाई दे रही है वो आज के तनाव भरे माहौल कुछ हट कर नज़र आ रही थी।.....देखें वीडियो: कठपुतलियों का नाच देख बच्चों ही नहीं बड़ों के भी खिल उठे चेहरे

प्रोजेक्ट चेयरमैन राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण का कहना है कि कभी गांव-देहात का सबसे सस्ता और सुलभ होने वाला ये कठपुतली का खेल आज अपनी लोकप्रियता खोता जा रहा है और पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला के वाहक अपने परिवार का जीवन यापन बसर करने लिए दूसरे व्यवसायों की ओर बढ़ते जा रहे हैं। जिसके कारण कठपुतली का खेल आज अपनी पहचान बचाए रखने की जद्दोजहद कर रहा है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि ये आज भी मनोरंजन के रोचक साधनों में सर्वोउत्कृष्ट स्थान रखता है।

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नोएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना के कहा की नोएडा लोकमंच अपने सांस्कृतिक प्रकल्प 'पहला कदम संस्कृति की ओर...'से संस्कृतिक जागृति का जो प्रयास किया है उससे नोएडा में जितने प्रकार की कला जुड़े लोग और कलाकार है जुड़ना शुरू हो गए है। इस महीने के अंत में 'पहला कदम संस्कृति की' एक चित्र कला प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।

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