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Person of the Week: ‘राम’ बनाएंगे भगवान श्रीराम की सबसे ऊंची प्रतिमा, इतने वर्षों में बनकर होगी तैयार, देखें वीडियो

Highlights: -अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सबसे ऊंची श्रीराम की प्रतिमा भी चर्चा में है -सीएम योगी ने शिल्पकार राम वी सुतार से सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति बनाने आग्रह किया था -इस प्रतिमा की अनुकृति बन चुकी है और स्वीकृत भी हो चुकी है

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नोएडा। महान लोगों की प्रतिमा बनाते बनाते खुद भी एक महान हस्ती बन चुके राम सुतार एक बार फिर चर्चा में हैं। कारण, अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब विश्व की सबसे ऊंची श्रीराम की प्रतिमा को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शिल्पकार राम वी सुतार से विश्व में सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ति बनाने आग्रह किया था। इस प्रतिमा की अनुकृति बन चुकी है और स्वीकृत भी हो चुकी है। लेकिन, अभी तक सरयू नदी के किनारे उचित जमीन न मिलने के कारण प्रतिमा का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। वहीं इस प्रतिमा के निर्माण में करीब तीन साल का समय लगेगा।

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नोएडा के सेक्टर-19 में निवास कर रहे सुतार द्वारा बनाई गई 'लौह पुरुष' सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण पीएम नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष 31 अक्टूबर किया था। अब शिल्पकार राम सुतार को सरयू नदी के किनारे भगवान राम की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण करना है। राम सुतार का कहना है कि भगवान राम की कांसे से बनने वाली इस मूर्ति का अनुकृति स्वीकृत हुए करीब एक साल बीत चुका है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मूर्ति के निर्माण का ऐलान किया गया था। भगवान राम की यह मूर्ति 251 मीटर ऊंची होगी।

भगवान राम की इस मूर्ति का डिजाइन उनके बेटे ने बनाया है। जो करीब एक साल पहले स्वीकृत हो चुका है और जब सरकार जमीन उपलब्ध करा देगी, तब वह इसके निर्माण का काम शुरू कर देंगे। मूर्ति बनने में करीब तीन साल लगेंगे। वहीं राम सुतार से जब अयोध्या मामले पर बात की गई तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि लोगों की अपनी-अपनी विचारधारा है। उन्होंने तो सिर्फ मूर्ति बनाने पर ध्यान देना है।

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शिल्पकार राम वी सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार का कहना है कि भगवान राम की मूर्ति का निर्माण सरयू नदी के किनारे 100 हेक्टेयर जमीन में किया जाना है। इसमें 20 मीटर ऊंचा चक्र होगा। मूर्ति 50 मीटर ऊंचे बेस पर खड़ी होगी। बेस के नीचे ही भव्य म्यूजियम बनाया जाएगा। जहां टेक्नोलॉजी के जरिये भगवान विष्णु के सभी अवतारों को दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल म्यूजियम, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग, लाइब्रेरी, रामायण काल की गैलरी आदि भी प्रस्तावित है।

बचपन से ही आर्ट वर्क में थी दिलचस्पी

राम वी. सुतार महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव गोंडूर में 1925 पैदा हुए। उनके पिता कारपेंटर (बढ़ई) थे। बचपन में वे गाँव में अपने पिता जी के साथ काम करते थे और स्कूल में आर्ट वर्क भी करते थे। उनकी प्रतिभा उनके टीचर ने पहली बार पहचानी और मूर्ति बनाने को कहा। तब उन्होंने मिट्टी के गणेश बनाए। वे कहते हैं कि मुझे याद नहीं उस मूर्ति को मैंने कैसे बनाया। स्कूल के बाद जब वे मुंबई के 'जे.जे.स्कूल ऑफ आर्ट' में मूर्तिशिल्प के छात्र हुए तो उनकी कला की दुनिया बड़ी होती गई।

15 हजार से अधिक मूर्तियों को डिजाइन कर चुके सुतार

सेक्टर-19 निवासी मूर्तिकार राम सुतार का सेक्टर-63 में स्टूडियो है। वह अभी तक 15 हजार से अधिक मूर्तियों को डिजाइन कर चुके हैं। हजारों मूर्तियां बना चुके राम सुतार कहते हैं कि हर मूर्ति को बनाना आसान नहीं होता। उन्होंने सबसे ज्यादा मूर्ति गांधी जी की बनाई हैं। आज सारे विश्व मे 350 शहरों में गांधी जी की मूर्ति उनके द्वारा बनाई हुई ही लगी हैं। इन दिनों वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा बना रहे हैं और मुंबई में बन रही बाबा साहेब आंबेडकर की 137.2 मीटर ऊंची और छत्रपति शिवाजी महाराज की 212 मीटर ऊंची प्रतिमा भी वह ही बनवा रहे हैं।