7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

RSS की इस चाल से UP में चारों खाने चित हो जाएगी BSP

सहारनपुर हिंसा के बाद राजपूतों और दलितों के बीच पैदा हुई खाई को पाटकर जातीवाद के ऊपर हिन्दुत्व का रंग चढ़ाएगा संघ

3 min read
Google source verification
Mohan bhagwat

नोएडा. सहारनपुर हिंसा के बाद राजपूतों और दलितों के बीच पैदा हुई खाई को पाटकर जातीवाद के ऊपर हिन्दुत्व का रंग चढ़ाने की मुहिम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) जुट गया है। इसकी एक झलक मेरठ में संघ की ओर से आयोजित होने वाले राष्ट्रोदय कार्यक्रम के बैनर पोस्टर में भी देखने को मिली है। संघ ने अपने राष्ट्रोदय कार्यक्रम के बैनर पोस्टर में दलित महापुरुष वाल्मीकि और संत रविदास को जगह देकर दलितों को रिझाने का प्रयास किया है। इसके साथ ही संघ अपने इस कार्यक्रम के दौरान सहारनपुर के जातीय दंगे की आग में जल चुके शब्बीरपुर गांव के राजपूतों और दलितों को बुलाकर एक साथ भोजन कराकर दंगे के बाद जातियों में बंट जुके दोनों ही जातियों के ऊपर हिन्दुत्व का रंग चढ़ाकर भाजपा के जनाधार को मजबूत करने का प्रयास भी कर रहा है। अगर संघ अपने इस मुहिम में कामयाब होता है। तो इससे इलाके में बीएसपी को बड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, ये माना जा रहा था की सहारनपुर में योगी राज के दौरान हुए जातीय हिंसा के बाद एक बार फिर से दलितों का रुझान बीएसपी सुप्रीमो मायावती की ओर बढ़ा है। संघ के इस प्रयास के बाद अगर दलित समाज जातिवाद के दायरे से निकल कर हिन्दुत्व की ओर बढ़ा तो बीएसपी को सीधा-साधा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।

पश्चिम उत्तर प्रदेश की और ज्यादा खबरें देखने के लिए देखें हमारा यूट्यूब चैनल


राष्ट्रोदय के माध्यम से दूर किए जाएंगे जातीय गिले-शिकवे

राष्ट्रोदय कार्यक्रम से जहां एक ओर हिंदुत्व का संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जातीय संषर्ष में झुलसे पश्चिम उत्‍तर प्रदेश में सद्भावना कायम करने का भी प्रयास इस कार्यक्रम के माध्यम से किया जाएगा। आपको बता दें क‍ि सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में हुए जातीय संघर्ष ने ठाकुर और दलित समुदाय के बीच जबरदस्त कड़वाहट उत्पन्न करने का काम किया था। शब्बीरपुर जातीय दंगे को लेकर योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। आज भी बसपा शब्बीरपुर दंगे को भुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है, लेकिन इसके घाव पर राष्ट्रोदय नामक मरहम लगाया जाएगा।

एक साथ बैठकर खाएंगे खाना

कार्यक्रम प्रभारी अजय मित्तल ने बताया कि शब्बीरपुर गांव से दोनों बिरादरी के लोग आ रहे हैं। राष्ट्रोदय कार्यक्रम में दोनों समुदाय के लोगों को एक साथ बैठाया जाएगा और दोनों समुदाय के कार्यकर्ता एक साथ खाना खाएंगे। इस दौरान संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी दोनों समुदाय के लोगों की बात सुनकर उनकी समस्या का समाधान करेंगे। उन्‍होंने बताया कि जिन परिवारों से दंगे की शुरुआत हुई, उनके करीब 40 लोग कार्यक्रम में हिस्सा लेने आ रहे हैं। इन 40 लोगों में अधिकांश युवा वर्ग से हैं। उनको हिन्दुत्व और आपसी भाईचारे का महत्व संघ के
पदाधिकारी समझाएंगे। सरसंघ चालक देंगे हिंदुत्व एकता का संदेश अजय मित्तल ने बताया कि संघ चालक मोहन भागवत हिंदुत्व एकता का संदेश देंगे। राष्ट्रोदय का उद्देश्य ही हिंदुत्व की एकता है। हिंदुत्व में जातिवाद की कोई जगह नहीं है। राष्ट्रोदय कार्यक्रम में आने वाले संघ कार्यकर्ताओं की एक ही जाति होगी और वह है हिन्दुत्व।

25 फरवरी को होने वाले राष्ट्रोदय कार्यक्रम में जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं का अद्भुद संगम देखने को मिलेगा। वहीं, एक अन्य मामले में भी इस कार्यक्रम के माध्यम से संघ की एक ओर अनोखी पहल की शुरुआत हो रही है। कार्यक्रम में 18 जिलों से चार लाख लोग हिस्‍सा लेने आ रहे हैं। संघ के मेरठ प्रांत का यह अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। कार्यक्रम में दूर-दूर से आरएसएस कार्यकर्ताओं को लाने के लिए बसों और छोटे वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सरकार ने आरटीओ विभाग को भी सहयोग करने के लिए कहा है।