एडीसीपी ने रणविजय ने बताया कि इस गैंग का मास्टर माइंड पंकज गिरी है, जिसे एनसीआर में सट्टा किंग (Satta King) के नाम से जाना जाता है। यह गिरोह एनसीआर से लेकर आसपास के राज्यों में भी सक्रिय है। एडीसीपी ने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर एनसीआर व अन्य शहरों के लोगों को अपने साथ जोड़ते थे और पचास रुपये से लाखों रुपये तक का सट्टा लगवाते थे।
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रौब, दबदबा और दबंगई दिखाने के लिए की गई हवाई फायरिंग हर मैच पर इस तरह लगाते थे सट्टा उन्होंने बताया कि सट्टा किंग (Satta King) किसी भी मैच में टीम, विकेट, चौके, छक्के, जीत, हार, नो बॉल से लेकर अन्य चीजों पर पैसे लगवाते थे। जीतने के बाद पैसों को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। इस गिरोह के सदस्य दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा समेत अन्य कई शहरों में भी सक्रिय हैं।
हर महीने कमाते थे कराड़ों में एडीसीपी ने बताया कि आरोपी हर माह ऑनलाइन सट्टे (Online Satta) से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये कमाते थे। इनके 14 बैंक खातों की जांच की गई है, जिसमें लगभग 70 लाख रुपये के लेनदेन का पता चला है। अभी 14 और खातों की जांच चल रही है। इस मामले में सेक्टर-22 निवासी सलमान फरार है। पंकज सट्टे के पैसे को ट्रांसफर कराने के लिए दूसरों के खाते का इस्तेमाल करता था। इसके लिए संदीप व हिमांशु से 30-30 हजार रुपये में खाते व एटीएम कार्ड खरीदे थे। हिमांशु व संदीप इस वक्त गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 9 फर्जी आधार कार्ड मिले हैं। आरोपी इनसे खुद ही खाते खुलवाने की तैयारी कर रहे थे।