सुपरटेक ग्रुप ने नोएडा प्राधिकरण से कहा है कि ट्विन टावर को गिराने के कार्य को सुरक्षित तरीके से पूर्ण करने के लिए वह उच्चतम न्यायालय से और अतिरिक्त समय के लिए अनुरोध करेगा। वहीं, उच्च अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण खुद समय बढ़ाने की मोहलत नहीं दे सकता है। इसलिए सुपरटेक ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। साथ ही कार्य में किसी बदलाव के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख करना चाहिए।
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यूपी में दीपावली पर बिकेंगे सिर्फ ग्रीन पटाखे, अन्य पटाखों पर लगा बैन उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर ढहाने के आदेश दे रखे हैं। इस मामले में तीन आईएएस अधिकारियों समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने पाया था कि दोनों टावर बनाने में अनियमितता बरती गई। इसके साथ ही बगैर स्वीकृति अवैध निर्माण किया गया था।
आधा दर्जन इमारतों पर खतरा बता दें कि नोएडा प्राधिकरण के अलावा अन्य एजेंसियों ने ट्विन टावर का सर्वे किया है। सर्वे में पाया गया है कि ट्विन टावर गिराते समय आसपास की बहुमंजिला इमारतों को खतरा हो सकता है। क्योंकि ट्विन टावर की ऊंचाई करीब 100 मीटर है। टावर गिराते समय इनका मलबा 50 मीटर तक गिर सकता है। ट्विन टावर से महज 9 मीटर की दूरी पर एक, 22 मीटर की दूरी पर एक, 31 मीटर की दूरी पर 2, 32 मीटर की दूरी पर एक और 33 मीटर की दूरी पर एक इमारत है। इस तरह आधा दर्जन इमारतें काफी करीब हैं। टावर गिराने के दौरान इन इमारतों को क्षति हो सकती है।