दरअसल, पिछले कुछ समय से यह देखा गया है कि लोगों को थोड़ा सा भी बुखार आने पर वह तनाव में आ जाते हैं और डेंगू या मलेरिया होने की आशंका जताने लगते हैं। फिजिशियन डॉ एन.के शर्मा का कहना है कि मरीजों को यह समझना चाहिए कि हर बुखार व प्लेटलेट्स कम होना डेंगू नहीं होता है। प्लेटलेट्स काउंट कम वायरल फीवर के कारण होना भी स्वाभाविक है। इसके अलावा कई अन्य बीमारियों में भी ब्लड प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं। प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर मरीजों को घबराना नहीं चाहिए।
क्या है नॉर्मल प्लेटलेट्स काउंट डॉ शर्मा ने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 1.5 से 4 लाख तक ब्लड प्लेटलेट्स काउंट होना नॉर्मल माना जाता है, जबकि 40 हजार तक प्लेटलेट्स होने पर घबराने की जरूरत नहीं होती है। मनुष्य के शरीर में 20 हजार से कम प्लेटलेट्स काउंट होने पर ही नई प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दी जाती है।
कैसे रहें स्वस्थ डॉक्टर का कहना है कि यदि किसी को बुखार की शिकायत है तो वह एक अच्छे अस्पताल में इलाज करवाएं। इस दौरान अगर प्लेटलेट्स कम होने की शिकायत हो, तो मरीज को इम्युनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी डाइट लेनी चाहिए। उसे अपने भोजन में मौसमी फल, हरी सब्जियां, दाल, दूध-दही, विटामिन-सी से भरपूर आंवला, संतरा, मौसमी आदि शामिल करनी चाहिए। इसके साथ ही बकरी का दूध पीने से भी इम्युनिटी बढ़ती है। वहीं मरीज जूस, नारियल पानी भी ले सकते हैं और दिन भर में तकरीबन 4-5 लीटर लिक्विड लेना चाहिए।
क्या हैं डेंगू के लक्षण डॉक्टर शर्मा कहते हैं कि यदि किसी को अचानक तेज बुखार आए, शरीर के जोड़ों में तेज दर्द, शरीर पर चकत्ते, सिर में दर्द, आंखों के पिछली तरफ दर्द, बुखार के साथ मुंह व नाक में से खून बहना, ब्लडप्रेशर कम होना, उल्टी न रुकने की शिकायत हो, तो पहले दिन ही किसी अच्छे डॉक्टर से जांच करवाएं और जरूरी टेस्ट कराएं। इसके बाद ही पुष्टि हो सकेगी कि मरीज को डेंगू है या नहीं। इसके अलावा मरीज खुद ही डेंगू बुखार, वायरल बुखार या जोड़ों में दर्द होने पर एसप्रिन या आईब्यूप्रोफेन न लें। ऐसा करने से ब्लीडिंग का खतरा हो सकता है।