बाल दिवस पर लिटिल चैंप्स के साथ जब झूम उठे पेरेंट्स
Bal Diwas Poems in Hindi बाल-दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल । जगह-जगह पर मची हुई खुशियों की रेलमपेल । बरस-गांठ चाचा नेहरू की फिर आई है आज,उन जैसे नेता पर सारे भारत को है नाज ।
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान।
हम उनसे सीखे मुसकाना, सारे संकट झेल।
भाई-भाई जहां सभी हों, रहे छलकता प्यार।
नहीं घृणा हो किसी हृदय में, नहीं द्वेष का वास,
आंखों में आंसू न कहीं हों, हो अधरों पर हास।
झगड़े नहीं परस्पर कोई, हो आपस में मेल।
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश।
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी मे मिलकर भी मां की रखें ऊंची शान।
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल नाक-नकेल।
बाल दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल।
आजादी की खातिर जब पंडित नेहरू बने कैदी नंबर 582, जानिए ये रोचक बातें
कितनी प्यारी दुनिया इनकी,कितनी मृदु मुस्कान।
बच्चों के मन में बसते हैं,
सदा, स्वयं भगवान। एक बार नेहरू चाचा ने,
बच्चों को दुलारा।
किलकारी भर हंसा जोर से,
जैसे हाथ उठाया। नेहरूजी भी उसी तरह,
बच्चे-सा बन करके।
रहे खिलाते बड़ी देर तक
जैसे खुद खो करके।
उज्ज्वल स्वर्ण विहान।
बच्चे मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान। बच्चे यदि संस्कार पा गए,
देश सबल यह होगा।
बच्चों की प्रश्नावलियों से,
हर सवाल हल होगा। बच्चे गा सकते हैं जग में,
अपना गौरव गान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
childrens day special story : छोटी उम्र में आसमां छूने का जज्बा
अल्लाह, ईसा और ईश्वर गुरुनानक का रूप है इनमेंकच्ची मिट्टी जैसे होते
सच्चाई की धूप है इनमें। जिस घर, आंगन नहीं है बचपन
फुलवा भी वहां नहीं महकते
चाहे बने हों कई घोंसले
नन्हे पंछी नहीं चहकते
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।
लेकिन ये सब, सपन सलोने
आगे जाकर बनें सहारा
आज यहीं, हम सबके खिलौने
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें। बचपन की है बात निराली
बचपन की है छाप निराली
ऐसा कर दें सबका बचपन
हर दिन होली, रात दिवाली
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।
हर बच्चे में ईश जगाएं
यही कामना बाल दिवस पर
संस्कार हर रूप हो इनमें।
अल्लाह, ईसा और ईश्वर
गुरुनानक का रूप है इनमें।