बैरक का नाम पड़ा नेहरू बैरक आजादी की लड़ाई के दौरान नेहरू पर डिफेन्स ऑफ इण्डिया रेगुलेशन एक्ट 1915 (Defence of India Regulation Act) के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज हुआ था और सेंट्रल जेल में बंद किया गया था जेल के दस्तावेजों के अनुसार पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम कैदी नंबर 582 के रूप में दर्ज है। आजादी के बाद नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने और सेंट्रल जेल की जिस बैरक में नेहरू बंद थे उसे नेहरू बैरक का नाम दिया गया। बैरक के जितने हिस्से में नेहरू बंद थे उतने हिस्से में आज तक किसी दूसरे कैदी को नहीं रखा गया है। बैरक के बाकी हिस्से में कैदी बंद किए जाते हैं।
250 वर्ग गज में है नेहरू बैरक Bareilly Central Jail 110 एकड़ में फैली हुई है। जिसमें मुख्य द्वार से घुसने पर नेहरू बैरक बनी हुई है। 250 वर्ग गज में खपरेल और मोटी दीवारों से नेहरू बैरक बनी हुई है। आजादी की लड़ाई के दौरान इसी बैरक में चाचा नेहरू ने दो महीने 10 दिन बिताए थे।
कैदियों को मिलती है सीख सेंट्रल जेल में ज्यादातर आजीवन कारावस की सजा काट रहे कैदी बंद हैं। इनको अच्छा आचरण सिखाने के लिए जेल प्रशासन नेहरू बैरक के संस्मरण दिखाकर उन्हें प्रेरित करता है।
जेल में कैद हुए थे आजादी के दीवाने आजादी की लड़ाई के दौरान बरेली की सेंट्रल जेल में चाचा नेहरू के साथ ही 592 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कैद किया गया था। नेहरू के साथ जेल में आचार्य नरेंद्र देव को भी कैद किया गया था उनका नाम कैदी नंबर 583 के रूप में दर्ज है।