childrens day special story
इंदौर. चाचा नेहरू का जन्मदिन यानी चिल्ड्रंस डे एक मौका है बच्चों के बारे में सोचने, उनके सपनों के बारे में जानने का उनके सपनों को दिशा देने और उनके हौसलों की उड़ान में मदद करने का। हर बच्चा अलग होता है और उसमें कुछ बात सबसे अलग होतीे है इसीलिए कोई पढ़ाई में अव्वल रहता है, कोई स्पोट्र्स में तो कोई नृत्य या संगीत में। आज बाल दिवस के मौके पर पत्रिका ने जाना कुछ एेसे ही बच्चों के बारे में जिन्होंने बेहद मेहनत और लगन से अपना मुकाम बनाया है और उनकी नजरें लक्ष्य पर टिकी हुई हैं।पलक कौर, १४ वर्ष
१४ बरस की पलक कौर ९वीं में पढ़ती हैं और पांच बरस की उम्र से कथक गुरु रागिनी मख्खर से कथक सीख रही हैं। वे नादयोग की उस टीम में भी थीं जिसने २०१४ में रियलिटी शो इंडियाज गॉट टैलेंट जीता था। दो साल पहले उन्हें केंद्र सरकार के संस्कृति विभाग की सीसीआरटी स्कॉलरशिप भी मिली है। वे रागिनी मख्खर के साथ यूरोप और चाइना में ग्रुप परफॉर्मेंस तो दे चुकी हैं पर इस बार वे स्पेन में २० नवंबर से शुरू हो रहे फोकोलेरो डांस फेस्टिवल एंड डांस कॉम्पीटिशन में एकल नृत्य का प्रदर्शन करेंगी। पलक का सपना कथक परफॉर्मर बनना है। पलक की मम्मी सुदर्शन कौर डॉक्टर हैं और शुरू में उन्होंने पलक को भी डॉक्टर बनाना चाहा था लेकिन जब उन्हांेने पलक की कथक के लिए लगन देखी तो अब वे भी चाहती हैं कि पलक अपना सपना पूरा करें।
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देश का शीर्ष कथक परफॉर्मर बनना हैपाखी निगम, १५ वर्ष
१५ बरस की पाखी निगम भी रागिनी मख्खर की शिष्या हैं और उनके साथ इंडियाज गॉट टैलेंट शो में जा चुकी हैं। पाखी का सिलेक्शन भी पलक के साथ स्पेन के डांस फेस्टिवल एंड डांस कॉम्पीटिश्न के लिए हुआ है। पाखी अब तक राष्ट्रीय स्तर की कथक की तीन सोलो कॉम्पीटिशन जीत चुकी हैं और कई शहरों में करीब १५ सोलो परफॉर्मेंस दे चुकी हैं। डांस उनका पैशन है और इसके लिए वे कभी थकती नहीं हैं। उनका ख्वाब देश की शीर्ष कथक परफॉर्मर बनना है और इसके लिए वे दिन-रात एक कर देती हैं। स्कूल से आने के बाद चार से छह घंटे कथक को समर्पित करती हैं।
लकी शर्मा, ११ वर्ष
११ साल की उम्र में रणबीर कपूर के साथ इंटरनेशनल एड फिल्म और सीरियल्स में काम कर चुके लकी शर्मा इंदौर के एक टैलेंटेंड ड्रामेबाज है। वे बेटमा से हैं, लेकिन ज्यादातर समय इंदौर और मुंबई में गुजरता है। पिता राकेश शर्मा बताते हैं कि साल २००९ में लकी ने डांस इंडिया डांस में भाग लिया। ऑडिशन में सलेक्ट होकर मुंबई पहुंचा, लेकिन आगे सलेक्ट नहीं हुआ। अकबर-बीरबल सीरियल के सलीम माथुर इंदौर आए थे तब लकी का डांस उन्हें पसंद आया और उन्होंने उसे मुंबई जाने की सलाह दी। मुंबई जाने के बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नही देखा।
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९ साल की उम्र में अंडर-१९ में हो गई सलेक्टअनादि तागड़े, ९ वर्ष
९ साल की अनादि तागड़े की हाइट और एज को देखकर कोई भी ये यकीन नहीं कर पाता है कि ये नन्ही सी बच्ची क्रिकेट के मैदान पर सबके होश उड़ा देती है। अनादि शानदार बॉलिंग के टैलेंट से इंदौर डिवीजन की अंडर-१९ टीम में जगह बनाने में सफल रही। पापा अनुराग तागड़े बताते हैं कि हाल ही में आईडीसीए की अंडर १६ चैपिंयनशिप में वह इंदौर वुमन एसोसिएशन की तरफ से खेली थी और एक मैच में अनादि ने ५ विकेट लेकर सबको आश्चर्य में डाल दिया। अनादि पैस बॉलर है और साथ ही बैटिंग और फील्डिंग पर अच्छी कमांड है। अनादि ने पांच साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और कोई ट्रेनर नहीं मिलने की वजह से उसकी मम्मी दीप्ति ने ही उसे शुरुआत में ट्रेनिंग दी।
नित्यता जैन, १३ वर्ष
१३ बरस की शतरंज खिलाड़ी नित्यता जैन यूं तो अंडर १४ कैटेगरी की खिलाड़ी हैं, लेकिन वह पिछले तीन साल से मप्र की सीनियर वुमन चेस चैपियन हैं। नेशनल लेवल पर कई चैपियनशिप में टॉप फाइव में रही है। इंटरनेशनल रेटिंग में १८५७ तक पहुंचने वाली नित्यता ने इस साल कॉमनवेल्थ चेस चैंपियनशिन में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था और बांगलादेश की ७३ वर्षीय ग्रैंड मास्टर को हराया था। साथ ही श्रीलंका के ४० वर्षीय ग्रैंड मास्टर के साथ ड्रॉ मैच खेला था। इस वक्त वे वारंगल में नेशनल स्कूल गेम्स में भाग ले रही हैं।