
बेटी की शादी पक्की कर लौट रही थी महिला, इस वजह से ट्रेन में हो गई मौत
मुरादाबाद। रेल प्रशासन की अव्यवस्था और ट्रेनों की लेटलतीफी ने छह घंटे देरी से चल रही राप्ती गंगा एक्सप्रेस में गर्मी और उमस से 60 वर्षीय महिला यात्री शहदुल निशा की जान ले ली। साथ ही उन्हें रामपुर में उपचार नहीं दिया गया। मुरादाबाद में मौत होने पर आक्रोशित यात्रियों का रेल प्रबंधन के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा।
यात्रियों द्वारा हंगामा करने पर उनकी स्टेशन मास्टर से झपड़ भी हुई। दरअसल मंगलवार को मुजफ्फरपुर से देहरादून जा रही 15001 नंबर की राप्ती गंगा एक्सप्रेस छह घंटे देरी से चल रही थी। कोच संख्या एस-5 में यात्रा कर रही शहदुल निशा (60) की गर्मी और उमस के कारण तबीयत खराब हो गई। रामपुर के पास सांस तेज चलने लगी। साथ में सफर कर रहे परिवारीजन ने टीटीई को सूचना दी, लेकिन वहां उसको कोई उपचार नहीं मिला। आनन-फानन में उन्हें एसी-3 के बी1 कोच में शिफ्ट किया गया, लेकिन तबीयत बिगड़ती गई और ट्रेन के मुरादाबाद पहुंचने पर महिला यात्री की मौत हो गई।
मुरादाबाद स्टेशन पर रेलवे के चिकित्सक पहुंचे और महिला को देखते ही मृत घोषित कर दिया। उपचार न मिलने से आक्रोशित परिजनों व यात्रियों ने ट्रेन में हंगामा शुरू कर दिया। समय रहते चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न कराने के लिए स्टेशन मास्टर को दोषी ठहराते हुए यात्री उनसे भिड़ गए। दोनों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। स्टेशन मास्टर ने यात्रियों द्वारा गर्दन पकड़ने और मोबाइल छीनने का आरोप भी लगाया है। जीआरपी व आरपीएफ ने मौके पर पहुंचकर यात्रियों को समझाया।
30 जून को होनी थी बेटी की शादी
मृतक शहदुल निशा देहरादून के नई बस्ती गांधी ग्राम की रहने वाली थीं। वह दो दिन पूर्व अपने भाई गुल्लू, बेटा फिरोज एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ देवरिया जिले के सलेमपुर तहसील क्षेत्र के बालेपुर मठिया में जमाल अहमद के पुत्र से अपनी बेटी फिरोजा निशा का रिश्ता तय करने गई थीं। 30 जून को शादी की तारीख पक्की कर देहरादून लौट रही थीं, लेकिन अपनी खुशियों को परिवार के अन्य लोगों तक नहीं पहुंचा सकी।
शहदुल निशा के पति इल्यास अहमद की मौत दो साल पहले हो चुकी थी। उन्होंने पति से वादा किया था कि वह बेटी फिरोजा की शादी धूमधाम से करेंगी। पति को दिया वादा पूरा करने के लिए वह भाई, बेटा और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बेटी की शादी तय करके लौट रही थीं। शादी में कम समय था, इसलिए ट्रेन में शादी की तैयारी को लेकर चर्चा कर रही थीं। रेलवे की लापरवाही से वह पति को दिये वादे को पूरा नहीं कर सकीं।
स्लीपर कोच में 72 के लिए सीट, 200 यात्री थे सवार
दरअसल स्लीपर कोच में 72 यात्रियों की बैठने की क्षमता होती है, लेकिन उसमें दो सौ से अधिक यात्री सफर कर रहे थे। उनमें कुछ वेटिंग टिकट वाले और कुछ जनरल टिकट लेकर चलने वाले थे। रेलवे पुलिस और टीटीई अनाधिकृत यात्रियों को उतारने के बजाय एसी कोच में ले जाकर बैठा गए। क्षमता से अधिक यात्री होने पर कोच में उमस व गर्मी बढ़ गई। रेलवे प्रशासन ने इस अव्यवस्था पर रोक लगाने का प्रयास तक नहीं किया। घटना के बाद मुरादाबाद मंडल रेल प्रबंधक अजय कुमार सिंघल ने कहा कि यात्री बीमार होने के बाद ट्रेन को क्यों नहीं रोका गया। दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
27 Jun 2018 03:22 pm
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