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भोपाल लैब पर एनएबीएल सर्टिफिकेट नहीं, सैंपल जांच बंद, ग्वालियर की 400 रिपोर्ट अटकी

भोपाल स्थित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के पास नेशनल एक्रेडेटेड ब्यूरो लैबोरेट्री (एनएबीएल) का सर्टिफिकेट नहीं है। इस वजह से खाद्य सामग्री की जांच बंद है। इस कारण ग्वालियर की 400 सैंपल रिपोर्ट भोपाल लैब में अटकी हैं। जनवरी से लेकर अगस्त के बीच जो सैंपल लिए हैं, उनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई हैं।

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Food Testing Laboratory

Food Testing Laboratory

भोपाल स्थित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के पास नेशनल एक्रेडेटेड ब्यूरो लैबोरेट्री (एनएबीएल) का सर्टिफिकेट नहीं है। इस वजह से खाद्य सामग्री की जांच बंद है। इस कारण ग्वालियर की 400 सैंपल रिपोर्ट भोपाल लैब में अटकी हैं। जनवरी से लेकर अगस्त के बीच जो सैंपल लिए हैं, उनकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग ग्वालियर से रिपोर्ट के लिए लगातार पत्र भी लिखे जा रहे हैं। जिले में मिलावट का कारोबार करने वालों पर न जुर्माने की कार्रवाई हो पा रही है और न न्यायालय में चालान जा पा रहे हैं। शहर के लोगों क लिए शुद्धता का संकट खड़ा हो गया है।

दरअसल खाद्य एवं सुरक्षा विभाग ने जिले से जनवरी से अगस्त के बीच दूध और दुग्ध उत्पादों सहित अन्य खाद्य सामग्री के सैकड़ों सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे। इनमें मिल्क पाउडर, मिठाई, पनीर, घी, आइसक्रीम, तेल, मसाले, नमकीन और पैकेज्ड फूड के नमूने शामिल हैं। रेस्टोरेंट व होटलों से भी सैंपल लिए गए। इनकी जांच भोपाल होनी है। सैंपल करके भोपाल पहुंच चुके हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं आ रही हैं। वैसे 14 दिन के भीतर रिपोर्ट आ जाना चाहिए। 4 दिन के बाद रिपोर्ट आती है तो उसे कानूनी रूप से चुनौती मिलती है। यदि कोई जरूरी जांच है तो उस सैंपल की रिपोर्ट निजी लैब से कराई जा रही है। ग्वालियर में जो रिपोर्ट आई हैं, वह दूसरी लैब की आई हैं।

ग्वालियर की लैब अभी अधूरी, क्योंकि फंड आया

प्रदेश में तीन नई लैब बनाई जा रही हैं। इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में नई लैब का निर्माण किया जा रहा है। अक्टूबर 2019 से ग्वालियर में लैब निर्माण शुरू किया गया था। लैब ऐसी जगह बनाई गई, जहां निर्माण सामग्री ले जाने में दिक्कत हुई।

- लैब को लगातार फंड नहीं मिला, इससे काम रुक गया था। जब भवन बनकर तैयार हो गया तो उसमें कई कमियां सामने आई। इस कमी को दूर करने के लिए 3 करोड़ रुपए की जरूरत थी। यह फंड स्वीकृत हो चुका है, लेकिन अभी राशि नहीं आई है। इससे लैब का काम पुन: शुरू नहीं हुआ है। ग्वालियर की लैब अभी अधूरी पड़ी है।

- ग्वालियर-चंबल संभाग में सबसे ज्यादा मिलावट का कारोबार हैं। यहां पर लैब नहीं है। भोपाल के भरोसे रहना पड़ता है, जिसकी वजह से सैंपल जांच के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।

दीपावली पर बढ़ेगा संकट

दीपावली पर दूध और मिठाई की खपत कई गुना बढ़ जाती है। इस अवधि में सबसे ज्यादा मिलावट के मामले सामने आते हैं। सैंपलिंग भी इसी दौरान अधिक होती है। दीपावली सीजन में लिए जाने वाले सैकड़ों नए सैंपल भी पेंडिंग हो जाएंगे।

- मार्च 2025 में लिए सैंपल की रिपोर्ट भी नहीं मिली है। यह होली के वक्त लिए गए थे। होली पर कैसा मावा लोगों के घरों तक पहुंचा था, लोगों को पता नहीं चल सका है।

- एनएबीएल सर्टिफिकेट की प्रक्रिया चल रही है। यह जल्द मिल जाएगा। अभी जांच कर रहे हैं, यदि कोई कानूनी रूप से चुनौती देता है तो उसका जवाब हम देंगे।

संदीप विक्टर, प्रभारी खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भोपाल

एक्सपर्ट

- यदि लैब के पास एनएबीएल सर्टिफिकेट नहीं है और वह सैंपल की जांच कर रही है तो अवैध हैं। कानूनी रूप से रिपोर्ट भी वैध नहीं है। इसको लेकर हाईकोर्ट का आदेश भी है।

संजय बहिरानी, अधिवक्ता