
Drone technology is giving agriculture a new dimension.
राज्य में आधुनिक कृषि तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में एक और अहम पहल शुरू हो गई है। भीलवाड़ा जिले की पंचायत समिति हुरड़ा के खेजड़ी और कोटड़ी गांवों में अब ड्रोन के माध्यम से नेनो खाद और फसलों पर दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है। यह व्यवस्था इफ्को (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइज़र को-ऑपरेटिव लिमिटेड) के सहयोग से किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराई गई है। ड्रोन तकनीक से महज कुछ ही मिनटों में एक एकड़ खेत में नेनो यूरिया का छिड़काव संभव हो पा रहा है। इससे न केवल किसानों के समय की बचत हो रही है, बल्कि मानव श्रम पर निर्भरता भी काफी कम हुई है। परंपरागत तरीकों की तुलना में ड्रोन से छिड़काव अधिक समान और प्रभावी बताया जा रहा है, जिससे फसल की उत्पादकता बढ़ने की उम्मीद है।
खेजड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यवस्थापक भंवरलाल योगी ने बताया कि इफ्को ने ड्रोन के साथ जेनरेटर व इलेक्ट्रिक ओटो थ्री विलर वाहन उपलब्ध कराया है। यह ड्रोन बेट्री चालित है एवं बेट्री चार्जिंग की सुविधा वाहन में है। इस ड्रोन की कीमत 20 लाख रुपए है। इसके लिए इफ्को ने समिति से केवल 2 लाख रुपए लिए हैं। इसके संचालन के लिए इफ्को ने समिति के कार्मिक को प्रशिक्षण भी दिया है। ड्रोन से एक बीघा में छिड़काव में पांच से सात मिनट लगते हैं। वही समिति एक बीघा स्प्रे का केवल सो रुपए का शुल्क ले रही है।
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीके जैन ने बताया कि ड्रोन से छिड़काव करने पर खाद और दवाओं की खपत भी नियंत्रित रहती है। इससे लागत घटती है और पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। राज्य सरकार और सहकारी संस्थाएं मिलकर इस तकनीक को अन्य जिलों तक विस्तार देने की योजना पर भी काम कर रही है। ड्रोन आधारित कृषि सेवाएं राजस्थान जैसे बड़े कृषि प्रधान राज्य के लिए भविष्य की खेती का मजबूत आधार बन सकती हैं। इससे किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के साथ ही खेती को अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनाया जा सकेगा।
Published on:
15 Dec 2025 09:39 am
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