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लघु उद्योगों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिला लघु उद्योग भारती का प्रतिनिधिमंडल

रीको दरों की समीक्षा, रिप्स योजना में संशोधन, विद्युत व प्रदूषण नियमों में राहत सहित प्रमुख मांगों पर सौंपा प्रतिवेदन

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A delegation from Laghu Udyog Bharti met with the Chief Minister.

A delegation from Laghu Udyog Bharti met with the Chief Minister.

प्रदेश के लघु उद्योगों के समक्ष आ रही समस्याओं एवं आवश्यक सुधारों को लेकर लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधिमंडल ने अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाशचंद एवं निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को राज्य के लघु एवं मध्यम उद्योगों से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तृत प्रतिवेदन सौंपते हुए समाधान की मांग की।

रीको की ओर से बढ़ाई गई आरक्षित दरों की समीक्षा

भीलवाड़ा इकाई के अध्यक्ष शंभू प्रसाद काबरा ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने रीको की ओर से बढ़ाई गई आरक्षित दरों की समीक्षा करने, आवंटियों को मध्यवर्ती अनुक्रमों की पालना नहीं करने पर शास्ति से छूट देने, राइजिंग राजस्थान योजना के तहत आवंटित भूखंडों पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित कई अहम मुद्दे मुख्यमंत्री के समक्ष रखे।

प्रतिनिधिमंडल ने मेडिकल डिवाइस पार्क से जुड़े विषयों, दलदली भूमि पर सोलर प्लांट स्थापना की स्वीकृति, रिप्स योजना के तहत ब्याज अनुदान में प्लांट व मशीनरी के साथ होटल व रिसोर्ट भवन को शामिल करने, अस्थायी विद्युत कनेक्शन पर लगने वाली 50 प्रतिशत अतिरिक्त राशि से छूट तथा उद्योगों के लिए विद्युत श्रेणी (कैटेगरी) में बदलाव की मांग भी रखी।

कृषि भूमि के रूपांतरण के बाद म्यूटेशन प्रक्रिया पुनः प्रारंभ करे

इसके अलावा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकारों के पंजीयन व उपकार राशि में राहत, कृषि भूमि के रूपांतरण के बाद म्यूटेशन प्रक्रिया पुनः प्रारंभ करने, प्रदूषण से संबंधित मामलों में क्लोजर डायरेक्शन वाली इकाइयों को क्षेत्रीय कार्यालय से पुनः सीटीओ जारी करने, नियमों की अनुपालना नहीं होने पर सीधे क्लोजर देने की प्रक्रिया पर पुनर्विचार तथा मशीनरी में आंतरिक परिवर्तन के लिए नए सीटीओ/सीटीई आवेदन के बजाय सूचना देकर कोरिजेंडम जारी करने की प्रमुख मांगें भी शामिल रहीं।

इकाई सचिव कमलेश जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक आश्वासन देते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए हैं। इससे लघु उद्योगों को शीघ्र राहत मिलने की उम्मीद है।