18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रहाणे को लेकर आपस में भिड़े थे धोनी और कोहली?

मैच के बाद संवाददाताओं ने जब धोनी से कोहली के साथ सम्बंधों में खटास के बारे में जानना चाहा था, जो उन्होंने इससे इनकार किया था

4 min read
Google source verification

image

Jameel Ahmed Khan

Oct 12, 2015

Dhoni Kohli

Dhoni Kohli

नई दिल्ली। कानपुर में
रविवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए पहले एकदिवसीय मुकाबले की पूर्व
संध्या पर एकदिवसीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और टेस्ट कप्तान विराट कोहली के बीच
अजिंक्य रहाणे को टीम में शामिल करने को लेकर जोरदार बहस हुई थी।

भारत को वह
मैच पांच रनों से हारना पड़ा था। उस मैच के लिए आश्चर्यजनक तौर पर रहाणे को अंतिम
एकादश में शामिल भी किया गया था। रहाणे ने अपने चयन को सार्थक साबित करते हुए 60 रन
बनाए थे और रोहित शर्मा (150) के साथ दूसरे विकेट के लिए 149 रनों की साझेदारी की
थी।


भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने धोनी और कोहली के बीच हुई
इस बहस की चर्चा फेसबुक पर की है। गांगुली के मुताबिक टीम के दो सीनियर खिलाडियों
की बीच इस तरह का सम्बंध होना अच्छी बात नहीं है। इससे टीम को नुकसान होगा और यह
बेहद चौंकाने वाली बात है।


रहाणे को अंतिम एकादश में शामिल किए जाने पर
जानकार जितने हैरान थे उससे कहीं ज्यादा हैरान रहाणे को कोहली से ऊपर तीसरे क्रम पर
भेजने से थे। टीम की घोषणा के वक्त रहाणे के लिए चौथा क्रम निर्धारित हुआ था। जिस
वक्त शिखर धवन आउट हुए थे उस समय भारत ने 42 रन बनाए थे और रोहित अच्छा खेल रहे थे,
ऎसे में रहाणे से अधिक प्रतिभाशाली कोहली को रोकना और रहाणे को भेजना सबको हैरान
करता है।


मैच के बाद संवाददाताओं ने जब धोनी से कोहली के साथ सम्बंधों में
खटास के बारे में जानना चाहा था, जो उन्होंने इससे इनकार किया था। धोनी ने मैच से
पूर्व संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि रहाणे के लिए टीम में अभी कोई स्लॉट खाली
नहीं है क्योंकि स्वाभाविक तौर पर वह पहले, दूसरे या तीसरे क्रम खिलाड़ी हैं लेकिन
अभी हमारी टीम में ये तीनों स्लॉट बुक हैं।


कप्तान ने यह भी कहा था कि रहाणे
को चौथे या फिर उससे नीच के क्रम पर खिलाना उनकी तौहीनी होगी क्योंकि वह सभाविक तौर
पर ऊपर के क्रण के खिलाड़ी हैं। ऎसे में उनका कानपुर में खेल पाना सम्भव नहीं दिख
रहा। मीडिया ने अगले दिन इस खबर को प्रमुखता दी थी और साथ ही यह मान लिया था कि
रहाणे कानपुर में अंतिम एकादश का हिस्सा नहीं होंगे।


इसके बावजूद रहाणे को
टीम में शामिल किया गया और तीसरे क्रम पर खिलाया गया। इसके बाद मैदान में भी एक
नाटकीय दृश्य देखा गया। लांग ऑफ पर फील्डिंग करने के दौरान कोहली ने उस ओर के
स्टैंड के दर्शकों को हाथ ऊपर उठाकर उत्साहित किया। यह वह वक्त था, जब अब्राहम
डिविलियर्स और फाफ डू प्लेसिस भारतीय गेंदबाजों की खबर ले रहे थे।


दर्शक
बीच-बीच में "कोहली-कोहली" का नारा भी लगाते। इस बीच कुछ मौकों पर धोनी ने उन्हें
स्थान परिवर्तित करने के लिए इशारा भी किया, लेकिन कोहली ने उसे अधिक गम्भीरता से
नहीं लिया। वह अपने लिए जनमत संग्रह करने में जुटे रहे। मैच के बाद धोनी ने इसकी
भरपाई कोहली की खिंचाई करके की। नाम न लेते हुए धोनी ने कहा कि हमें 35 ओवरों के
आसपास तेजी से रन बनाने चाहिए थे।


गौर करने वाली बात यह है कि उस मैच में
कोहली ने 18 गेंदों पर 11 रन बनाए थे और उनका विकेट 40वें ओवर की अंतिम गेंद पर 214
रन के कुल योग पर गिरा था। इससे साफ है कि धोनी ने कोहली को निशाने पर लेने की कोई
कसर नहीं छोड़ी। इसकी वजह साफ है। जब से धोनी ने यह बयान दिया था कि रहाणे स्ट्राइक
रोटेट नहीं करते और इस कारण वह एकदिवसीय टीम के लिए फिट नहीं हैं, धोनी और क ोहली
में मतभेद शुरू हो गया था।


बतौर टेस्ट कप्तान कोहली ने रहाणे को हर मैच में
खिलाया और रहाणे ने भी कप्तान की उम्मीदों को जिया। वह तीनों फॉरमेंट के सफल
खिलाड़ी हैं। ऎसे में न जाने धोनी ने रहाणे को लेकर अजीबोगरीब बयान क्यों दिया।
जानकार मानते हैं कि ऎसा करते हुए वह रहाणे को बाहर और अपने "चहेते" खिलाडियों को
अंदर रखना चाहते थे।


कानपुर में रहाणे को टीम में शामिल करना धोनी की
विस्तृत सोच और टीम हित में लिया गया फैसला लगा था लेकिन यह कुछ और ही निकला। असल
बात यह है कि मैच पूर्व संध्या पर टीम प्रबंधन की बैठक में टीम निदेशक रवि शास्त्री
ने धोनी से रहाणे को टीम में शामिल करने को कहा क्योेंकि वह अच्छे फार्म में हैं।
धोनी ने असमर्थता जताई लेकिन इस शर्त पर मान गए कि कोहली को नम्बर-4 पर जाना होगा।
कोहली थोड़े ना-नुकुर के बाद इस पर मान गए लेकिन मैदान में उनका बल्ला रूठ गया।

ये भी पढ़ें

image