
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व से विस्थापित हो रहे गांव में लोग फर्जीवाड़े पर उतर आए हैं। विस्थापन में मिलने वाली 15 लाख रुपए की राशि पाने के लिए एक व्यक्ति ने अपना फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवा लिया, लेकिन जब फाइल कलेक्टर कार्यालय पहुंची तो यह कलाकारी पकड़ में आ गई। जांच के बाद कलेक्टर के निर्देश पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने वाले ऑनलाइन शॉप के संचालक रहली के बरखेरा बगरोन निवासी देवेंद्र पुत्र संतोष सिंह ठाकुर के खिलाफ रहली थाना में जालसाजी सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
नायब तहसीलदार छिरारी सर्किल अनिल अहिरवार ने बताया कि टाइगर रिजर्व की सीमा में आने वाले देवलपानी गांव के विस्थापन की प्रक्रिया चल रही है। गांव के यशवंत गौड़ की उम्र 18 साल से कुछ कम थी तो उसे किसी ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की सलाह दे दी। इसके बाद यशवंत ऑनलाइन काम करने वाले कंप्यूटर दुकान संचालक बरखेरा बगरोन निवासी देवेंद्र ठाकुर से मिला और उसने यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर यशवंत का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना दिया। कलेक्टर के निर्देश पर प्रतिवेदन तैयार कर रहली थाना पुलिस को दिया, जिस पर आरोपी देवेंद्र के खिलाफ आपराधिक मामला पंजीबद्ध किया गया है।
मुआवजा स्वीकृति की सूची में यशवंत गौड़ के दस्तावेजों का मिलान किया तो पता चला कि उसकी स्कूल में दर्ज जन्मतिथि व जिला अस्पताल सागर द्वारा जारी प्रमाण पत्र में अंकित जन्म तारीख अलग-अलग थीं। इसके बाद जिला योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग के सहायक सांख्यिकी अधिकारी दिलीप साहू ने दस्तावेजों की जांच कराई और आरोपी के खिलाफ जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर एफआइआर कराने का अभिमत दिया।
Published on:
08 May 2025 04:57 pm
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