
महानगर कोलकाता में खतरे का पर्याय बनते ट्राम लाइन के गड्ढे
कोलकाता में अधिकतर मार्ग पर बंद पड़ी ट्राम की लाइन खतरे का पर्याय बन गई है। सडक़ पर बिछी ट्राम की पटरियों के किनारे बने छोटे छोटे गड्ढों से हर दिन दुपहिया वाहन दुर्घटना का शिकार हो रहे है। महानगरवासियों का कहना है कि या तो ट्राम को नियमित रूप चलाई जाए जिससे रखरखाव के तहत समय समय पर मरम्मत कार्य होता रहे या फिर इन पटरियों को पूरी तरह से हटा दिया जाए। महानगर की कई सडक़ों पर बरसों से ट्राम का संचालन बंद रहने के बावजूद पटरियां बिछी हुई है। खासकर सियालदह से हावड़ा ब्रिज को जोडऩे वाली महात्मा गांधी रोड पर स्थित ट्राम लाइन के किनारों पर लंबे आकार में कई छोटे छोटे गड्ढे हो गए। इस सडक़ पर गड्ढों में पहिया फंसने के कारण हर दिन दो चार दो पहिया वाहन हादसे का शिकार होते हैं। इन दुर्घटनाओं में कई बार लोगों को गम्भीर चोट भी लगती है लेकिन, इस गंभीर समस्या की तरफ जिम्मेदार का ध्यान नहीं जाता।
एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि गड्ढे में अगला चक्का फंसने से मोटरसाइकिल और स्कूटर जैसे वाहन लडख़ड़ा कर गिर जाते हैं। हमारे सामने दुर्घटना होने पर हम वाहन को किनारे खड़ा कर घायल को प्राथमिक राहत के लिए पानी तथा बर्फ उपलब्ध करवा देते हैं। दायरे के बाहर होने के कारण इसके अलावा हम कुछ नही कर सकते। महात्मा गांधी रोड के एक स्थानीय हॉकर मनोज कुमार ने कहा कि हमारे सामने हर दिन एक दो दुर्घटना होती है। इस सडक़ पर ट्रैफिक का खासा दबाव होने के कारण वाहनों की गति धीमी रहती है इस वजह से कोई बड़ी या जनहानि नहीं होती लेकिन, हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
एक अन्य हॉकर राघव मौर्य ने कहा कि ट्राम पर्यावरण की रक्षक और बच्चों बुजुर्गों के लिए सुरक्षित तथा आरामदायक सवारी है। लोगों की सुविधा के लिए इसका संचालन फिर से शुरू किया जाना चाहिए लेकिन यदि किसी कारण से ऐसा संभव नही है तो इसे पूरी तरह बंद कर पटरियों को हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि ट्राम सेवा शुरू होती है तो नियमित रखरखाव के तहत समय समय पर पटरियों तथा आसपास के हिस्से की मरम्मत होती रहेगी अन्यथा इन गड्ढों की संख्या बढऩे में कोई आशंका नही है।
स्थानीय निवासी चंदन सिंह ने कहा कि खस्ता हालत में बिछी ट्राम लाइन दुर्घटना का पर्याय बन गई है। दोपहिया वाहन पर महिला, बच्चे और बुजुर्ग भी यात्रा करते है और चालक सहित अन्य सवार को भी चोट लगती है। चाह कर भी पूर्ण जानकारी के अभाव में हम सम्बंधित और जवाबदेह अधिकारियों के पास इसकी शिकायत करने में असमर्थ हैं लेकिन अपनी आंखों से रोजाना घट रही दुर्घटना के बाद स्थानीय कर्मी भी विभाग तक जानकारी नहीं पहुंचा रहे यह दुखद बात है। इस विषय में बात करने के लिए सम्बंधित अधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया।
Published on:
12 Feb 2025 03:59 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
