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वीरेन्द्र सहवाग: बॉलर जो बल्ले से बना मुल्तान का सुल्तान

तूफानी ओपनर वीरेन्द्र सहवाग ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के संकेत दिए हैं।

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Shakti Singh

Oct 20, 2015

virender sehwag

virender sehwag

दुबई। करीब डेढ़ साल से भारतीय क्रिकेट
टीम से बाहर चल रहे तूफानी ओपनर वीरेन्द्र सहवाग ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय
क्रिकेट से संन्यास के संकेत दिए हैं। दुबई में मास्टर्स चैम्पियंस लीग (एमसीएल)
ट्वंटी-20 टूर्नामेंट की लांचिंग में भारतीय ओपनर ने कहा कि वे भारत जाकर संन्यास
की औपचारिक घोषणा कर देंगे। संयुक्त अरब अमीरात में अगले वर्ष फरवरी में होने वाली
इस लीग से जुड़ने की एक शर्त है कि खिलाड़ी को सभी तरह के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से
संन्यास ले लेना चाहिए। यह लीग सिर्फ रिटायर्ड खिलाडियों के लिए है।




सहवाग
यहां वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा, दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ और इंग्लैंड के
अजहर महमूद के साथ थे। उनसे जब यह पूछा गया कि रिटायर्ड क्रिकेटरों की लीग में वह
कैसे खेल सकते हैं तो उन्होंने कहा, यदि मैं संन्यास नहीं लूंगा तो मैं कैसे इस लीग
में खेलूंगा। मैं भारत जाऊंगा और संन्यास की घोषणा करूंगा।



नहीं बची वापसी
की उम्मीद

सहवाग को भारतीय टीम में अब अपनी वापसी की कोई उम्मीद नहीं है इसलिए
उन्होंने ये बयान दिया है। सोमवार को ही बीसीसीआई ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आखिरी
दो वनडे और पहले दो टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीमों की घोषणा की और उसके कुछ घंटे
बाद सहवाग के संन्यास की खबर फैल गई। सोशल मीडिया पर #ThankYouSehwag ट्रैंड शुरू हो गया। गौरतलब है
कि पिछले सप्ताह तेज गेंदबाज जहीर खान ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह
दिया था।



तिहरा शतक लगाने वाले एकमात्र भारतीय
"मुल्तान के सुल्तान" के
नाम से मशहूर सहवाग टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने वाले एकमात्र भारतीय
बल्लेबाज हैं। उन्होंने मार्च, 2004 में मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ 309 रन बना
यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था। इतना ही नहीं उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड सुधारते हुए
मार्च, 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रन की पारी खेली थी। 319
रन किसी भारतीय का टेस्ट इतिहास में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर है।



ब्रेडमैन
व लारा के क्लब में

सहवाग ने अपने टेस्ट करियर में दो तिहरे शतक जड़े। वे ऎसा
करने वाले भारत के पहले और दुनिया के तीसरे बल्लेबाज हैं। इस उपलब्घि के साथ वे
दिग्गज डॉन ब्रेडमैनव ब्रायन लारा के विशिष्ट क्लब में शामिल हैं। सहवाग को जब
टीम में लिया गया था तो उन्हें ऑफ स्पिनर माना जाता था जो बल्लेबाजी कर सके। वे
शुरूआत में मिडिल ऑर्डर में उतरा करते थे लेकिन सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने
अपना लोहा मनवाया। 2002 में कोच जॉन राइट और कप्तान सौरव गांगुली ने सहवाग को टेस्ट
में सलामी बल्लेबाज के रूप में पहली बार उतारा था और पहली ही पारी में ही उन्होंने
84 रन बनाए थे।



वनडे में दोहरा शतक
सहवाग टेस्ट की तरह वनडे में इतने
कामयाब नहीं रहे लेकिन टीम को कई बार धमाकेदार शुरूआत दिलाई। वनडे क्रिकेट में
दोहरा शतक जड़ने वाले वे केवल दूसरे बल्लेबाज थे। उन्होेने 2011 में वेस्ट इंडीज के
खिलाफ इंदौर में 219 रन की पारी खेली थी। रोचक बात है कि टेस्ट में उनका सर्वोच्च
स्कोर 319 जबकि वनडे में 219 है।

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