उखाड़ फेंकेगी जनता
Published: Oct 22, 2017 09:15:20 am
न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट व लोक सेवक के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलने से पहले उनका नाम एवं अन्य जानकारी का प्रकाशन, प्रसारण नहीं हो सकेगा
राजस्थान विधानसभा का सत्र कल से शुरू होने वाला है। यूं तो लोकाचार निभाने जैसा संक्षिप्त ही होने की संभावना है। इस सत्र में वैसे तो विधायकों ने लगभग १२०० प्रश्न लगा रखे हैं, किन्तु लोकतंत्र की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगा सरकार द्वारा इस्तगासा दायर करने को लेकर सी.आर.पी.सी. में किया गया संशोधन। इस संशोधन से आई.पी.सी. की धारा २२८ में २२८ बी जोडक़र प्रावधान किया गया है कि सीआरपीसी की धारा १५६(३) और धारा १९० (१)(सी) के विपरीत कार्य किया गया तो दो साल कारावास एवं जुर्माने की सजा दी जा सकती है। न्यायाधीश, मजिस्ट्रेट व लोक सेवक के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलने से पहले उनका नाम एवं अन्य जानकारी का प्रकाशन, प्रसारण नहीं हो सकेगा।