
आत्म-दर्शन : आशूरा का दिन
मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर हिजरी सन् का पहला महीना है और इस माह की दस तारीख को यौमे आशूरा (आशूरा का दिन) होता है। इस्लाम में यौमे आशूरा की बड़ी अहमियत है। इस दिन से कई ऐसी घटनाएं जुड़ी हैं, जो इस्लाम में काफी अहमियत रखती हैं। पैगंबर मुहम्मद सल्ल. के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत इसी दिन हुई थी। इमाम हुसैन ने अत्याचारी शासक यजीद के शासन को स्वीकार नहीं किया था, क्योंकि यजीद का शासन इंसानी और इस्लामी उसूलों के खिलाफ था।
उन्होंने इंसाफ और सच्चाई की खातिर खुद का बलिदान दिया। माना जाता है कि इसी दिन पैगंबर मूसा अलै. और उनके साथियों को दरिया पार कराकर अत्याचारी शासक फिरऔन से बचाया गया। इसी दिन पैगंबर नूह अलै की कश्ती जूदी पहाड़ के किनारे पर लगी, जो इस्लामी इतिहास की एक महत्त्वपूर्ण घटना है। इस दिन हजरत इमाम हुसैन सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत को याद करते हुए मातम मनाया जाता है।
Published on:
20 Aug 2021 03:02 pm
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