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बिना डिग्री वाले कामगारों के लिए उपयोगी है आरपीएल योजना

पूर्व कौशल की पहचान एवं प्रमाणन (आरपीएल) के लिए प्रभावी मूल्यांकन पद्धति विकसित करने में शैक्षिक संस्थानों के साथ काम करने के अलावा, उद्योग अपनी भर्ती प्रक्रिया में नए कार्यक्रमों व योग्यताओं को शामिल करने के लिए भर्ती दिशानिर्देशों को संशोधित कर उन लाखों कामगारों की सफलता की राह आसान कर सकते हैं, जो कुशल तो हैं, पर उनके पास इसका कोई कागजी प्रमाणपत्र नहीं है।

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Patrika Desk

Apr 12, 2023

बिना डिग्री वाले कामगारों के लिए उपयोगी है आरपीएल योजना

बिना डिग्री वाले कामगारों के लिए उपयोगी है आरपीएल योजना

दिनेश सूद
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम(एनएसडीसी)के प्रशिक्षण सहभागी

देश मेंं ऐसे लाखों लोग हैं, जो न तो उच्च शिक्षा हासिल कर सके और न ही उनके पास कोई व्यावसायिक शिक्षा। वे असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इनके पास अनुभव और कौशल है। उनके मन में भी डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने की टीस बनी रहती है। 2014 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत कौशल की पहचान एवं प्रमाणन यानी आरपीएल (रिकगनिशन ऑफ प्रायर लर्निंग) योजना शुरू की थी। यह योजना असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के कौशल को प्रमाणित करने के लिए शुरू की गई थी।
आरपीएल योजना शुरू होने के आठ वर्ष बाद भी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई। इस योजना के लिए चुने गए कई प्रशिक्षुओं ने प्रमाणीकरण प्रक्रिया बीच में ही छोड़ दी। इन नतीजों ने ही आरपीएल की कार्यान्वयन एजेंसियों को अपने पाठ्यक्रमों में सुधार के प्रयास करने के लिए मजबूर किया है। हालांकि कुशल कामगारों की कुशलता को प्रमाणीकरण और पहचान से देश के अनियमित कार्यबल की दक्षता को मानकीकृत राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क यानी एनएसक्यूएफ से जोडऩा था, जो आरपीएल का प्रमुख उद्देश्य है, लेकिन यह हासिल नहीं किया जा सका। आरपीएल की सफलता के लिए ऐसा तंत्र स्थापित करने की जरूरत है, जो न केवल कौशल और दक्षताओं के संबंध में युवाओं को कौशल, पुनर्कौशल और कौशल बढ़ाने में सक्षम हो, बल्कि देश-विदेश में ऐसे कौशल की मांग में भी हो। इंडिया स्किल्स रिपोर्ट-2022 के मुताबिक अनुभवी कामगारों की नौकरी के बाजार में मांग है और आरपीएल प्रक्रिया ऐसे अनुभवी कामगारों को औपचारिक योग्यता प्राप्त करने में मदद कर सकती है, जो उनके ज्ञान और कौशल से मेल खाती है। यह योग्यता उनकी रोजगार क्षमता, कमाई-क्षमता में सुधार करने में मददगार होगी। एनएसक्यूएफ प्रणाली औपचारिक और गैर-औपचारिक शिक्षा दोनों क्षेत्रों में पूर्व कौशल के मूल्यांकन, मान्यता और प्रमाणन के लिए एक मजबूत तंत्र के तौर पर विकसित की गई है। यह ढांचा किसी व्यक्ति के ज्ञान, कौशल और योग्यता का आकलन करने और उन्हें योग्यता स्तर के परिणामों के साथ ग्रेड करने के लिए विकसित किया गया है। 2020 के दौरान हरियाणा में उच्च शिक्षा में जागरूकता, लाभ और आरपीएल को अपनाने के बारे में एक पायलट सर्वेक्षण से पता चला कि केवल 29 प्रतिशत उद्योग विशेषज्ञ आरपीएल के बारे में जानते थे और 71 प्रतिशत को आरपीएल के बारे में जानकारी ही नहीं थी। उद्योग और शैक्षणिक समुदाय के बीच आरपीएल के बारे में जागरूकता की कमी चिंता का विषय है, क्योंकि इससे विकास, रोजगार और करियर की प्रगति के मार्ग में संबंधित संगठनों में आरपीएल को अपनाने और लागू करने पर बड़ा प्रभाव पड़ा है।
आरपीएल की सफलता के लिए सूचना अभियान, परामर्श और मार्गदर्शन बहुत जरूरी हैं। उच्च योग्यता और सीखने के तरीके से आरपीएल के पास निश्चित रूप से गैर-मान्यता प्राप्त प्रतिभा का दोहन करने और उसे साकार करने की एक बड़ी क्षमता है। यह उच्च योग्यता और कौशल से जुड़े उच्च करियर के अवसर और संभावित संसाधनों को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए एक प्रभावी तरीका हो सकता है। यह श्रम बाजार सूचना प्रणाली में विषमताओं को दूर करने के लिए एक कुशल तरीके से मदद करेगा और कामगारों के भर्तीकर्ताओं को अधिक योग्य और नौकरी के लिए तैयार प्रतिभा की उपलब्धता की जानकारी देगा। आरपीएल योजना उच्च शिक्षा के मार्ग में चुनौतियों और बाधाओं को दूर करने में कारगर साबित हो सकती है।
उच्च शिक्षा संस्थानों में आरपीएल के लिए अलग से एक विंग बनाने की जरूरत है, जो व्यापक मूल्यांकन ढांचे पर आधारित हो। दूसरा पूर्व कौशल की पहचान एवं प्रमाणन (आरपीएल) के लिए प्रभावी मूल्यांकन पद्धति विकसित करने में शैक्षिक संस्थानों के साथ काम करने के अलावा, उद्योग अपनी भर्ती प्रक्रिया में नए कार्यक्रमों व योग्यताओं को शामिल करने के लिए भर्ती दिशानिर्देशों को संशोधित कर उन लाखों कामगारों की सफलता की राह आसान कर सकते हैं, जो कुशल तो हैं, पर उनके पास इसका कोई कागजी प्रमाणपत्र नहीं है।