
टीकाकरण की सुस्त रफ्तार खतरनाक
केद्र सरकार ने देश में कोविड टीकाकरण को 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन हकीकत में जो कुछ हो रहा है, उससे इस बात की उम्मीद रखना बेमानी है कि यह अभियान समय से पूरा हो जाएगा। दरअसल, चर्चाओं में बने रहने के लिए टीकाकरण से जुड़े केंद्र सरकार के अफसर और नीति आयोग के सदस्य कई तरह के अभियान चला रहे हैं, पर उन अभियानों की पोल वैक्सीन की कमी से खुलती जा रही है। वैक्सीन वितरण में भी भेदभाव की शिकायतें अब राज्य सरकारों की ओर से आनी शुरू हो गई हैं।
राज्यों की क्षमता और जरूरत के हिसाब से उन्हें वैक्सीन की खुराकों की खेप नहीं मिल रही है। इतना ही नहीं, आरोप है कि दूसरे राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश को ज्यादा वैक्सीन मुहैया कराई जा रही है। राजस्थान जैसे राज्यों में आए दिन टीकाकरण अभियान को वैक्सीन की कमी के कारण रोक देना पड़ रहा है। इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि विश्व स्वास्थ्य संगठन महामारी से उबरने के लिए बार-बार पीपीई किट, जांच किट व दवाओं के साथ वैक्सीन के समान रूप से वितरण पर जोर दे रहा है।
देश में वैक्सीन अभियान के नाम पर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। एक दावा यह है कि पहली डोज के तौर पर हमने करीब 20 फीसदी आबादी को वैक्सीन दे दी है। लेकिन जब हम इसी संख्या को दूसरी डोज के साथ देखते हैं तो आंकड़ा महज चार फीसदी के करीब रह जाता है, जो कि दुनिया भर में दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। देश में एक ओर जबकि विशेषज्ञ कुछ ही महीनों में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं, तब टीकाकरण की यह सुस्त रफ्तार सभी को चिंतित करने वाली है। हालांकि इस कमी के पीछे भी जिम्मेदारों के अपने तर्क हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब राज्यों ने क्षमता विकसित कर ली है तो फिर उसके लिए निर्बाध आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार की ओर से क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
कोवैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अन्य यूनिट अभी तक शुरू नहीं हो पाई हैं। इसके अलावा सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने भी अपनी उत्पादन क्षमताओं में विस्तार नहीं किया है। आखिर इसमें देरी क्यों हो रही है? कहां पर परेशानी आ रही है? इसको देखने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की है। सिर्फ कंपनियों के भरोसे के सहारे नहीं बैठा जा सकता है। जरूरत है कि कंपनियों की समस्याओं के निस्तारण के साथ उत्पादन क्षमता बढ़ाने में और वितरण प्रणाली को चुस्त-दुरुस्त करनेे में केंद्र सरकार खुद आगे बढ़कर मदद करे।
Published on:
08 Jul 2021 08:09 am
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