scriptअब्राहम समझौता : न शांति, न नया मध्यपूर्व | The Abraham Accord: Neither Peace, nor the New Middle East | Patrika News

अब्राहम समझौता : न शांति, न नया मध्यपूर्व

locationनई दिल्लीPublished: May 15, 2021 12:31:16 pm

इजरायल में अमरीकी राजदूत की फिर नियुक्ति और पूर्वी यरुशलम में वाणिज्य दूतावास फिर से खोलना अच्छी शुरुआत होगी।

अब्राहम समझौता : न शांति, न नया मध्यपूर्व

अब्राहम समझौता : न शांति, न नया मध्यपूर्व

मैक्सबूट

पिछले वर्ष 15 सितम्बर को तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच औपचारिक संबंधों का रास्ता खोलने वाले ‘अब्राहम समझौते’ को अपनी विदेश नीति की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया था। उन्होंने वाइट हाउस में एक समारोह में यह भी कहा था – दशकों के विभाजन और संघर्ष के बाद हम नए मध्यपूर्व की सुबह को देख रहे हैं। ये समझौते पूरे क्षेत्र में व्यापक शांति की नींव के रूप में काम करेंगे। आठ महीने पहले का यह दावा तब की तुलना में अब और ज्यादा हास्यास्पद बन गया है।

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष से स्पष्ट है कि न कोई शांति स्थापित हुई है और न ही कोई नया मध्यपूर्व है। ‘अब्राहम समझौते’ ने यमन, सीरिया, लीबिया या वेस्ट बैंक (यह इजरायल और जॉर्डन के बीच स्थित है) और गाजा पट्टी के बीच अंतर्निहित संघर्ष पर विराम के लिए कुछ नहीं किया।

जो लोग इजरायल के समर्थक हैं, उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि मौजूदा संघर्ष भड़कने की वजह इजरायल है जो पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक की जमीनें लगातार हथियाता जा रहा है। ट्रंप के काल में वेस्ट बैंक में इजरायलियों के लिए 9,200 से अधिक घर बनाए गए। ट्रंप ने न केवल सामरिक पठार गोलन हाइट्स पर कब्जे के इजरायल के कदम का समर्थन किया बल्कि फिलिस्तीन की मदद में कटौती भी की।

यह समस्या तब और बदतर हो गई थी, जब ट्रंप ने यूएस दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित किया था। यह तो लम्बे समय से निश्चित है कि इस दलदल से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता ‘दो-राज्य समाधान’ है। लेकिन हमास, फिलिस्तीन के अधिकारी और इजरायल कोई भी शांति के लिए मामूली त्याग करने को भी तैयार नहीं है। हमास 2017 के अपने चार्टर में संशोधन के बाद भी इजरायल को जड़ से नष्ट करने पर अड़ा है। कभी खत्म न होने वाले संघर्ष में, बाइडन प्रशासन तनाव को कम करने के कदम उठा सकता है। इजरायल में अमरीकी राजदूत की फिर नियुक्ति और फिलिस्तीनियों से संवाद के लिए पूर्वी यरुशलम में वाणिज्य दूतावास फिर खोलना अच्छी शुरुआत होगी। उम्मीद है कि राष्ट्रपति बाइडन इस संघर्ष को और गहराने नहीं देंगे।
द वाशिंगटन पोस्ट
(लेखक स्तम्भकार, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में सीनियर फेलो और ‘द रोड नॉट टेकन: एडवर्ड लैंसडेल एंड द अमेरिकन ट्रैजडी इन वियतनाम’ के राइटर हैं)

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