
प्रो. हिमांशु राय
निदेशक, आइआइएम इंदौर
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पिछले आलेख में मैंने जिन नवीन अवधारणाओं, विचारों और उपकरणों की आवश्यकता पर जोर दिया था, उन्हीं में से एक है इकिगाई की जापानी अवधारणा जो कि जापानी संस्कृति और विचार के अभिन्न घटकों में से एक रही है। यह अवधारणा हाल के वर्षों में प्रबंधन के क्षेत्र में अत्यधिक प्रचलित हुई है और इसे विभिन्न नेतृत्व विद्वानों, लेखकों, शिक्षाविदों, यहां तक कि लोकप्रिय मीडिया द्वारा प्रचारित-प्रसारित कर प्रचलित बनाया जा रहा है। इसकी विशेषता है इसकी सादगी और मूल सिद्धांतों का आधार। नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी के एक रिपोर्टर और फेलो डैन बट्टनर ने अपने लेखन में जापान के ओकिनावा क्षेत्र के लोगों के लंबे जीवन के पीछे इकिगाई को एक कारण बताया है। आखिर क्या है यह अवधारणा? इसका अर्थ क्या है? इसका महत्त्व क्या है? इकिगाई शब्द दो तत्वों - ‘इकि’ (जीवन) व ‘गाई’ (सामान्य तौर पर मूल्य, लाभ या परिणाम में अनुवादित) से बना है। इस प्रकार इसे ‘जीवन के उद्देश्य’ या ‘अस्तित्व (होने) का कारण’ के रूप में समझा जाता है। यह एक पुरातन लेकिन कालजयी अवधारणा है जो लीडरों को उनके मिशन और मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकती है। यह अवधारणा उन्हें उनके व्यक्तिगत और संगठन के मूल्यों पर भी दृढ़ बने रहने में सहायक सिद्ध हो सकती है।
प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक कात्सुया इनौए ने इकिगाई को दो घटकों से मिलकर बने एक निर्माण के रूप में समझाया है - वह आधार, मूल या स्रोत जो किसी व्यक्ति के लिए जीवन को एक उद्देश्य या अर्थ देता है और पूर्ति या भलाई की भावना जो उद्देश्यपूर्ण जीवन की प्राप्ति के साथ आती है (एक उच्च क्रम की आवश्यकता की पूर्ति, जैसे सम्मान या बोध)। उन्होंने इकिगाई के तीन आयामों पर सामाजिक, गैर-सामाजिक और असामाजिक दृष्टिकोण से भी विस्तार से चर्चा की है। सामाजिक इकिगाई सामाजिक रूप से स्वीकार्य है और यहां तक कि जीवन को उत्सव के रूप में मनाया जाने वाला एक उद्देश्य है। इसमें दूसरों का विकास और कल्याण, जैसे उन्हें शिक्षित करना, शामिल है। गैर-सामाजिक इकिगाई जीवन का एक व्यक्तिगत और व्यक्तिवादी उद्देश्य है। इसमें किसी का आध्यात्मिक या धार्मिक उद्देश्य शामिल है, जबकि असामाजिक इकिगाई एक ऐसा उद्देश्य है जिसे आम तौर पर दूसरों द्वारा देखा जाता है, पर फिर भी, यह एक व्यक्ति के लिए प्रेरणा कारक के रूप में काम करता है। इसका उदाहरण है बदला लेने की इच्छा, हिसाब बराबर करना, या किसी से लगातार घृणा करना। सामाजिक आयामों के संदर्भ में इकिगाई व्यक्तियों के भीतर प्रेरणा और अर्थ की भावना को बढ़ावा देती है। यह अवधारणा समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह एक लीडर को स्वयं को बेहतर रूप से समझने, स्वयं के करीब लाने और अपने मूल्यों, उद्देश्यों और साथ ही उन्हें संगठन के उद्देश्यों से संरेखित करने में मदद कर सकती है।
Updated on:
21 Nov 2022 09:43 pm
Published on:
20 Nov 2022 07:12 pm
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