
आपकी बात, पाकिस्तान से मादक पदार्थों की तस्करी क्यों नहीं रुक पा रही?
अंधविश्वास से बढ़ते हैं अपराध
अंधविश्वास और अपराध का चोली दामन का साथ है। अत्यधिक अंधविश्वास में व्यक्ति अपनी सुध-बुध खो बैठता है। कभी-कभी जीवन की परेशानियों, हताशा, निराशा, कुंठा और आत्मग्लानि में लोग ढोंगी बाबाओं के चक्कर में फंस जाते हैं। वे अपना समय और धन तो गंवाते ही हंै, कभी-कभी इनकी पाखंडी बातों में आकर अपनों की हत्या या आत्महत्या भी कर बैठते हैं।
-एकता शर्मा, जयपुर
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अंध विश्वास है बर्बादी का रास्ता
अपने स्वार्थ की पूर्ति तथा फायदे के लिए इंसान दूसरों को नुकसान पहुंचाने और उन्हें बर्बाद करने के चक्कर में अंधविश्वास में फंस जाता है। सदियों से मनुष्य में अंधविश्वास का रोग फैला हुआ है। इससे अनेक परिवार उजड़ चुके हैं। इंसानों को जान से हाथ धोना पड़ा है। धन-दौलत, सुख शांति और संतान प्राप्ति के लालच में लोग पशुओं ही नहीं इंसान की भी बलि दे देते हैं।
प्रदीप कुमार छाजेड़, तिंवरी, जोधपुर
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कर्म से विमुख हो जाते हंै इंसान
अंधविश्वास के कारण आदमी जो काम कर रहा होता है, वह भी पूरे मन से नहीं करता। वह अपने लक्ष्य से विमुख हो जाता है। अंधविश्वास से कर्म विमुखता, उदासीनता और निराशा पैदा होती है।
-विष्णु चौखड़ा ,मकराना
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जरूरी है वैज्ञानिक सोच
तर्क के अभाव के कारण इंसान अंधविश्वासी होते जा रहा हैं। व्यक्ति अपनी रचनात्मकता खोकर पूरी तरह से पराश्रित हो जाता है। इससे समाज में अपराध बढऩे की आशंका अधिक होती है। अधिकांश इंसान विश्वास और अंधविश्वास में फर्क नहीं कर पाते। शिक्षा के जरिए तर्कशील और वैज्ञानिक सोच विकसित की जा सकती है।
-एस. एन. सिदार, बस्तर, छत्तीसगढ़
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सरकार की जिम्मेदारी
शिक्षित होने के बावजूद लोग अपनी छोटी-मोटी परेशानियों या कुछ अधिक पाने के लिए अंधविश्वास का सहारा लेते हैं। इसका फायदा स्वार्थी तत्व उठाते हैं। सरकार का यह कर्तव्य है कि अंधविश्वास बढ़ाने वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाए।
-जेपी असाटी, दमोह मध्य प्रदेश
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अंधविश्वास के कारण पढ़े-लिखे व्यक्ति भी ऐसा कार्य कर बैठते हैं, जो मूर्खता और पागलपन की श्रेणी आता है। अंधविश्वास के कारण ही बलि दी जाती है, विधवा आदि के दर्शन को अपशकुन माना जाता है और अनर्गल वस्तुओं के सेवन की प्रवृत्ति बढ़ती है। इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इसलिए बुद्धि और विवेक से काम लेना चाहिए। अंधविश्वास को जड़ें नहीं जमाने देना चाहिए।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर, चूरु
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वैज्ञानिक उपकरणों की मदद
लोग आधुनिक विज्ञान के उच्च कोटि के साधनों जैसे टेलीफोन, टेलीविजन और नेट के द्वारा भी अंधविश्वास फैलाने में लगे हैं। विज्ञान ने विकास किया है। इसके साथ ही अंधविश्वास का आधुनिकीकरण हो गया है। आज भी नरबलि, पशु बलि और खजाने निकालने के नाम पर ठगी के मामले सामने आते हैं।
-माधव सिंह, श्रीमाधोपुर, सीकर
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तार्किक बुद्धि का इस्तेमाल करें
किसी भी व्यक्ति की बात पर बिना सोचे समझे सीधे- सीधे भरोसा कर लेना यह साबित करता है कि लोगों में तार्किक बुद्धि का अभाव है। शायद इसीलिए अंध विश्वास बढ़ता जा रहा है और इसका फायदा उठा कर कई तरह के गलत कार्य करवाए जा रहे हैं। आस्था के नाम पर मजहबी आतंकवाद से लेकर लूट व बलात्कार जैसी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा ही। धार्मिक अंधविश्वास में लोग मानव बम बनने को भी तैयार हैं, मरने - काटने से लेकर अपना सब कुछ लुटाने को तैयार हैं। किसी की बातों में आने से पहले अपनी तार्किक बुद्धि का इस्तेमाल करें।
-गौतम पंचाल, नरवाली
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अज्ञानता को मिलता है बढ़ावा
अंधविश्वास इंसान के मन-मस्तिष्क में इतना गहरा असर छोड़ देता है कि जीवन भर वह इन अंधविश्वास से बाहर नहीं आ पाता। अंधविश्वास अधिकतर कमजोर व्यक्तित्व, कमजोर मनोविज्ञान एवं कमजोर मानसिकता के लोगों में देखने को मिलता है। जीवन में विफल रहे लोग अधिकतर अंधविश्वासी होते हैं। उनको लगता है कि अंधविश्वास की मदद से वे सफल हो सकते हैं।
सोहनलाल प्रजापत, कोटजेवर, जयपुर
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कर्म नहीं रहता प्रधान
अंधविश्वास में घिरा व्यक्ति सांसारिक कर्म को प्राथमिकता न देकर ऐसी चीजों पर विश्वास करता रहता है, जो वास्तविकता में है ही नहीं। इस तरह वह संकट में फंस जाता है।
-फज़़ल अकबर ज़ई, सतना, मप्र
Published on:
20 Jan 2023 06:56 pm
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