
आपकी बात, जलवायु परिवर्तन के कारण किस तरह के खतरे बढ़ रहे हैं?
बढ़ेंगी बीमारियां
जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक खतरा बन गया है। इससे पृथ्वी के तापमान में वृद्धि, वर्षा की अनियमितता, मौसमी बीमारी का प्रसार, वन्य जीव जंतुओं को नुकसान और समुद्र जल के स्तर में वृद्धि जैसी स्थितियां बनेंगी। आदि कारण देखे जा सकते है।
-दिलखुश प्रजापत, जयपुर
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बढ़ गई परेशानियां
जलवायु परिवर्तन का असर
दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ती गर्मी तथा पिछले बीते सालों की अपेक्षा तापमान में और बढ़ोतरी देखी जा रही है। बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर का पिघलने से बाढ़ का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। कहीं भूस्खलन तो कहीं मौसम की उथलपुथल के कारण आम इंसान के जीवन में परेशानियां बढ़ी है। बदलते मौसम के अनुसार खुद को ढालना, आवश्यक जरूरतें जिससे जान बचाया जा सके उनकी मांग बढ़ी है। जिसके पास पैसे हैं, वे तो जी लेगें लेकिन उनका क्या होगा जो आर्थिक आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनका क्या होगा?
-सरिता प्रसाद, पटना
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विकसित देश पहल करें
जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़, भूकम्प, और तापमान वृद्धि जैसे मामले सामने आ रहे हैं। मुश्किल यह है कि अमेरिका, चीन जैसे देश जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर आंख मूंद कर बैठे हैं। जब तक विकसित राष्ट्र पहल नहीं करेंगे तब तक जलवायु परिवर्तन का मुद्दा हल नहीं हो सकता।
-शुभम वैष्णव, सवाई माधोपुर
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मौसम हुआ असंतुलित
जलवायु परिवर्तन के चलते हमें गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। इसका प्रभाव मनुष्य पर भी पड़ रहा है। श्वास, डेंगू ,मलेरिया और अनेक खतरनाक बीमारियां बढऩे लगी हंै। बाढ़ बड़ी समस्या समस्या बन गई है। मौसम बहुत ज्यादा अनियमित हो गया है। कहीं बारिश नहीं होने के कारण सूखा पड़ रहा है तो कहीं बाढ़ आ रही है, कहीं बहुत अधिक गर्मी है तो कहीं ठंड से लोग परेशान हैं ।
-लहर सनाढ्य, उदयपुर
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वनों की कटाई से बढ़ गई समस्या
जलवायु परिवर्तन के कारण बड़ा खतरा पैदा हो गया है। जनसंख्या वृद्धि, बेहिसाब जल का उपयोग और अंधाधुंध वनों की कटाई से समस्या बढ़ रही है। हम जीवाश्म जलाकर बिजली पैदा करते हैं। इससे भी समस्या बढ़ रही है। -गिरीश ठक्कर, राजनंदगांव
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चक्रवाती तूफान का खतरा बढ़ा जलवायु में बदलाव की वजह से मौसम का मिजाज बदल रहा है। ग्लेशियरों के पिघलने से बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में बढ़ोतरी होने लगी है, जिससे भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। समुद्र में बार-बार चक्रवर्ती तूफान उठ रहे हैं। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है।
- प्रदीप कुमार छाजेड़, जोधपुर
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समुद्र के जल स्तर में बढ़ोतरी
जलवायु परिवर्तन के कारण कई तरह के खतरे बढ़ रहे हैं। कहीं बाढ़ आ रही है, तो कहीं सूखा पड़ रहा है। पीने के शुद्ध पानी की कमी भी हो जाती है। ध्रुवीय क्षेत्रों में बर्फ के पिघलने से भी समुद्रों का जल स्तर बढऩे के कारण भी नुकसान होता हैं। बीमारियां भी बढ़ती हैं।
-निर्मला देवी वशिष्ठ, राजगढ़
Published on:
06 Dec 2023 06:42 pm
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