
आपकी बात, नोटबंदी का देश पर क्या असर हुआ?
नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को नुकसान
देश मे नोटबंदी के पूरे 6 साल हो चुके हैं। बिना किसी योजना के लागू की गई नोटबंदी देश और अर्थव्यवस्था के लिए हानिकारक ही साबित हुई। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरबीआइ को 250 से अधिक सर्कुलर नोटबंदी के दौरान जारी करने पड़े। जहां लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ा, वहीं महीनों तक नोटों की परेशानी होती रही। व्यापार प्रभावित रहा जिससे अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा। देश में नोटबंदी एक मकसद कालेधन पर चोट थी, लेकिन लगभग देश का 99.99 प्रतिशत धन वापस बैंकों में आ गया था।नोटबंदी पूरी तरह व्यर्थ कदम साबित हुआ।
-नटेश्वर कमलेश, चांदामेटा, मध्यप्रदेश
.......................
सकारात्मक असर नहीं
देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य लागू की गई नोटबंदी का सकारात्मक असर नहीं हुआ। प्रभावशाली लोगों का काला धन सफेद हो गया। देश मे भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी अब भी बरकरार है।
- उदय बक्षी, कोटा
...............
बन गई थी भ्रम की स्थिति
नोटबंदी का फैसला चौंकाने वाला था और जब इसे लागू किया गया तो काफी भ्रम की स्थिति भी देखने को मिली थी। नोटबंदी के फैसले के बाद, भारतीय अर्थव्यवस्था डिजिटल होने की ओर अग्रसर हुई। हां, ग्रामीण क्षेत्र में अब भी नकदी के प्रति आकर्षण है।
-अजिता शर्मा, उदयपुर
.................
भ्रष्टाचार पर लगाम
नोटबंदी से देश में पनप रहे भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम लगी है। कैशलेस को बढ़ावा मिला है।
तेजनारायण श्रीवास्तव, गंजबासौदा, म.प्र.
..................
अपने ही पैसे के लिए तरस गए लोग
नोटबंदी से बहुत हानि हुई है। इससे लोगों को बहुत तकलीफ हुई। बैंकों और एटीएम के सामने घंटों लाइनों में खड़े रहना पड़ा। खाते में पैसा होते हुए भी भुगतान करने में परेशानी हुई। नए नोटों को छापने में बहुत पैसा खर्च हुआ। नोटबंदी से कुछ हासिल नहीं हुआ।
-राकेश जैन, उदयपुर
................
बैंकों में बढ़ गई भीड़
नोटबंदी करने से लोगों को बहुत परेशानी हुई। इसमें वृद्धजनों,महिला वर्ग को बहुत दिक्कत हुई। नोटबंदी के समय बैंकों में अचानक से भीड़ बढ़ गई।
-आलोक वालिम्बे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
................
मुश्किल में फंस गई जनता
काले धन, नकली नोट और आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश के लिए नोटबंदी की गई थी। इनमें से एक भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हुई है। नोटबंदी के कारण, उस समय देशवासियों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, किंतु शातिर दिमाग लोगों ने आपदा में भी कमाई के अवसर ढूंढ लिए और बंद किए गए नोटों को नए नोटों में बदलने का कारोबार करके कमाई कर ली। नोटबंदी के निर्णय से देशवासियों को कोई लाभ नहीं हुआ।
-गिरीश कुमार जैन कोटा
.............
काला धन बाहर आया
नोटबंदी के कारण नकली नोट कम हुए। साथ ही काला धन भी बाहर आया। देश की अर्थव्यवस्था आज की तारीख में ओर देशों की तरह गिरने से बच गई ।
-शिव नारायण आर्य, देवास, म.प्र.
..............
अर्थव्यवस्था हुई चौपट
नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई। घरेलू बचत बंद हो गई। आम आदमी की कमर टूट गई और वह बहुत परेशान हो गया।
-राम नरेश गुप्ता, जयपुर
Published on:
08 Nov 2022 04:37 pm
बड़ी खबरें
View Allओपिनियन
ट्रेंडिंग
