12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आपकी बात : सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों को देखते हुए इससे दूर रहने के क्या तरीके हो सकते हैं?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Opinion Desk

Sep 21, 2025

साप्ताहिक मोबाइल व्रत जरूरी
आज युवा सोशल मीडिया के इतने आदी हो चुके हैं कि उनके व्यवहार पर असर दिख रहा है। सप्ताह में कम से कम एक दिन मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर “मोबाइल व्रत” लेना चाहिए। इससे आत्मअनुशासन बढ़ेगा और मानसिक शांति मिलेगी।
– प्रियव्रत चारण ’लव’, जोधपुर

………………………………………………..

संयमित उपयोग ही समाधान
सोशल मीडिया का अंधाधुंध प्रयोग तनाव और रिश्तों में दूरी लाता है। स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण रखें और नोटिफिकेशन बंद करें। परिवार, पढ़ाई व रचनात्मक कार्यों में समय दें। ध्यान, योग और खेलों से भी संतुलन बना रहेगा।
– इशिता पाण्डेय, कोटा

………………………………………………..

डिजिटल डिटॉक्स अपनाएँ
मानसिक शांति व उत्पादकता के लिए समय-सीमा तय करें। नोटिफिकेशन बंद करें और पढ़ाई, व्यायाम जैसी सकारात्मक आदतें अपनाएँ। परिवार संग समय बिताएँ और ज़रूरत पड़ने पर डिजिटल डिटॉक्स लें।
– डॉ. अभिनव शर्मा, अलवर (राजस्थान)

………………………………………………..

बच्चों को बचाना होगा
सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से चिड़चिड़ापन और नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है। खासकर बच्चों को झूठे विज्ञापनों व भ्रामक सामग्री से दूर रखना ज़रूरी है। इनका प्रयोग कम कर ही संतुलन लाया जा सकता है।
– हमीर लवारन, जोधपुर (राजस्थान)

………………………………………………..

सख्त नियम जरूरी
सोशल मीडिया से फेक न्यूज़ और अपराध बढ़ते हैं। सरकार को सख्त गाइडलाइन बनाकर एआइ निगरानी, हेल्पलाइन और बच्चों को डिजिटल शिक्षा देनी चाहिए। तभी दुष्प्रभाव कम होंगे।
– कृष्ण कांत शर्मा, बदलेटा खुर्द

………………………………………………..

स्वास्थ्य के लिए डिटॉक्स अपनाएँ
स्क्रीन टाइम सीमित करें और व्यायाम, शौक, या प्रकृति से जुड़ें। अनावश्यक ऐप्स हटाकर उपयोगिता कम करें। नियमित ब्रेक लेकर सोशल मीडिया से दूरी बनाना शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
– शिवजी लाल मीना, जयपुर

………………………………………………..

अति-उपयोग नुकसानदायक
सोशल मीडिया का अति-उपयोग नुकसानदायक है। इसका प्रयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर करें। निरर्थक सामग्री से दूरी बनाकर सकारात्मक और उपयोगी चीजों को ही देखें, तभी संतुलन बनेगा।
– नरेश कानूनगो ’शोभना’, देवास (म.प्र.)

………………………………………………..

नई नीति बने
फर्जी अकाउंट और ठगी के मामलों पर सरकार को नई सोशल मीडिया नीति लानी चाहिए। साइबर अपराध रोकने के लिए स्कूलों, बैंकों व संस्थानों में जागरूकता अभियान और साइबर प्रहरी की नियुक्ति आवश्यक है।
– आलोक वालिम्बे, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

………………………………………………..

एआइ का जिम्मेदार उपयोग करें
सोशल मीडिया में एआइ का दुरुपयोग फेक न्यूज़ और हैकिंग बढ़ा रहा है। यदि जिम्मेदारी से उपयोग न हुआ तो यह वरदान की जगह अभिशाप बन सकता है।
– ओमप्रकाश श्रीवास्तव, उदयपुरा (म.प्र.)

………………………………………………..

दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी
सोशल मीडिया का अच्छा-बुरा दोनों पहलू है। इसके नकारात्मक असर से बचने के लिए इंसान की दृढ़ इच्छा शक्ति जरूरी है। ज़रूरत जितनी हो, उतना ही देखें और बाकी से बचें।
– निर्मला वशिष्ठ, राजगढ़ (अलवर)

………………………………………………..

वास्तविक जीवन से जुड़ें
सोशल मीडिया पर बिताया समय धीरे-धीरे कम करें। किताबें पढ़ें, संगीत सुनें, व्यायाम करें और परिवार के साथ संवाद करें। जितना दूर रहेंगे, उतना स्वास्थ्य और नींद बेहतर होगी।
– लहर सनाढ्य, उदयपुर (राजस्थान)