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आपकी बात : गर्ल्स एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए क्या विशेष प्रयास किए जाने चाहिए?’

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं, प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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जयपुर

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Opinion Desk

Sep 02, 2025

फीस आधी कर दी जाए
कई माता-पिता एजुकेशन फीस देने में असमर्थ होने के कारण अपनी बेटियों को शिक्षा देने के पक्ष में नहीं होते हैं। इसलिए सरकार की ओर से लड़कियों की फीस आधी कर दी जानी चाहिए और किताब-कॉपियां आदि भी उन्हें रियायत दरों पर मुहैया करानी चाहिए। शारीरिक रूप से अक्षम बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा देने की योजना शुरू करनी चाहिए। ऐसा करने संभवतः लोगों में बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता आएगी। - विभा गुप्ता, बेंगलूरु

ज्ञान कोष स्थायी निधि बनाएं
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारी स्तर पर प्रत्येक बेटी के लिए ज्ञान कोष स्थायी निधि बनाई जाए। सामाजिक स्तर पर प्रत्येक विवाह में वर-वधू की ओर से एक कन्या की शिक्षा का संकल्प अनिवार्य हो। साथ ही पढ़ी-लिखी महिलाएं एक पढ़े, सौ पढ़ाएं अभियान से कम से कम सौ बालिकाओं-महिलाओं को शिक्षा दें। यही सशक्त राष्ट्र की नींव बनेगा। - आदित्य शेखर, इंदौर

भयमुक्त वातावरण भी जरूरी
बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। गांव-ढाणियों, जनजातियों और पिछड़े क्षेत्रों में बालिकाओं के लिए शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। बालिका शिक्षा के लिए लाभकारी योजनाओं का प्रमुखता के साथ प्रचार प्रसार हो। साथ ही शिक्षण संस्थानों में भयमुक्त वातावरण बनाए जाए। बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण को भी शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। - शंकर मीणा, सांगरवा (सीकर)

इलाज की तरह शिक्षा की भी कैशलेस सुविधा मिले
जिस प्रकार सरकारी कर्मचारियों को कैशलेस उपचार की सुविधा मिलती है, ठीक उसी तर्ज पर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य की सरकारों को स्नातक स्तर की शिक्षा प्रत्येक बालिका के लिए किसी भी संस्थान में कैशलेस उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इसके अलावा सभी सरकारी नौकरी और चुनाव प्रतिनिधित्व में महिलाओं के लिए 50℅ आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए। - शंकर गिरि, रावतसर

महिला शिक्षकों की नियुक्ति हो
विद्यालयों में आधारभूत संरचना कक्षा कक्ष, अध्यापक, शौचालय, शुद्ध पेयजल, खेल मैदान, खेल सामग्री आदि पर्याप्त मात्रा में हो। महिला शिक्षकों की नियुक्ति गर्ल्स एजुकेशन की संस्थाओं में हो, जिससे बच्चियां अपनी समस्याएं सहजता से उनके साथ बांट सकें। पुरुष शिक्षकों के साथ यह संभव नहीं है, छात्राओं को अध्ययन के बढ़ावा देने के लिए उनको प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। - अंजनी कुमार शर्मा, जयपुर