Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आपकी बात: लगातार कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी के मामले क्यों नहीं रुक पा रहे हैं?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत हैं पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Opinion Desk

Oct 12, 2025

सख्त कानून जरूरी
देश में रिश्वतखोरी कम होने का नाम नहीं ले रही। इसकी सबसे बड़ी वजह सख्त कानून का अभाव है। अगर सरकार रिश्वत लेने पर तुरंत कठोर और कड़े कानून बनाए, तो इस पर अंकुश लग सकता है। कानून सख्त होने से सरकारी कर्मचारियों में भय उत्पन्न होगा और वे इस कृत्य से बचेंगे। सिर्फ नियम बनाने से ही नहीं, बल्कि उनका कड़ाई से पालन करने से ही रिश्वतखोरी पर रोक संभव है। - योगेश स्वामी, सूरतगढ़

रिश्वत लेने पर तुरंत बर्खास्तगी हो
देश में रोज सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए पकड़े जा रहे हैं, लेकिन कड़े कानून न होने से वे बच जाते हैं। आमतौर पर रिश्वत लेने वाले कर्मचारी को कुछ समय के लिए निलंबित किया जाता है और फिर बहाल कर दिया जाता है। इसी कारण वे बेखौफ रहते हैं। अगर रिश्वत लेने पर सीधे बर्खास्तगी का नियम बन जाए तो सरकारी कर्मचारी नोकरी जाने के डर से ऐसा कृत्य करने से बचेंगे। -शक्ति सिंह चौहान, जोधपुर

सोच बदलना आवश्यक
जीवन के हर क्षेत्र में लोग चाहते हैं कि उनका काम शीघ्र हो, इसलिए रिश्वत का कारोबार फलफूल रहा है। जब तक यह सोच नहीं बदलेगी कि काम को पाने के लिए रिश्वत देना जरूरी नहीं है, तब तक इस कुप्रथा को रोका नहीं जा सकता। समाज में चेतना बढ़ाकर और सही मूल्यों को अपनाकर ही इसे खत्म किया जा सकता है। - गोपालदास बंसल, शहडोल

कानूनी चुनौतियां
लगातार कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी के मामले नहीं रुक पाने में कानूनी और प्रक्रियात्मक चुनौतियां बाधक बनी हैं। सबूतों की कमी ( विशेषकर मांग का प्रमाण)प्रक्रियात्मक खामियां, भ्रष्टाचार निरोधक नियमों की अपर्याप्तता, जागरूकता की कमी, जागरूकता और समाज की मानसिकता जिसमें रिश्वत को काम कराने एक सामान्य तरीका माना जाता है। अधिकारों का दुरुपयोग, सामाजिक मानसिकता और रिश्वत को सामान्य मानना, प्रक्रियाओं का जटिल होना तथा कानूनी और व्यावहारिक बाधाएं कारण बनी हैं। - शिवजी लाल मीना, जयपुर