अमित ने चीन के जियानगुआन हू को दी मात
अमित पंघाल ने सेमीफाइनल मुकाबले में चीन के जियानगुआन हू को 4-1 से हराया। आपको बता दें कि अमित साल 2017 में एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक जीत चुके हैं।
पूजा रानी ने फरीजा शोलटे को हराया
टूर्नामेंट में अपना पहला बाउट लड़ रहीं पूजा रानी (81 किग्रा) ने कजाकिस्तान की फरीजा शोलटे के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 5-0 से जीत हासिल की। यह इस टूर्नामेंट में पूजा का तीसरा पदक है। पूजा ने 2012 में रजत और 2015 में कांस्य पदक जीता था।
कविंदर सिंह बिष्ट का भी फाइनल में स्थान
इस प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाने में कविंदर सिंह बिष्ट ने भी कामयाबी हासिल की है। उन्होंने 56 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया के खारखू एंक अमर को 4-1 से हराया। गीबी बॉक्सिंग कप में स्वर्ण जीतने वाले कविंदर को कट भी लगा, लेकिन वह घबराए नहीं और मुकाबला जीतकर फाइनल में स्थान पक्का किया।
कविंदर ने कहा, “मेरा विपक्षी मेरी तरह आक्रामक मुक्केबाज था। मेरा लक्ष्य उसके खिलाफ डॉजिंग और पंचिंग पर था और मैं खुश हूं कि मेरी रणनीति काम कर गई। मैं फाइनल को लेकर काफी आशान्वित हूं और आशा है कि देश के लिए स्वर्ण जीत सकूंगा।”
आशीष कुमार (75 किग्रा) ने ईरान के मौसावी एस. के खिलाफ शानदार खेल दिखाया और 3-2 की जीत के साथ पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचने में सफल रहे।
इसी तरह 2018 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने भी उजबेकिस्तान की मुफ्तुनाखोन मेलेवा को हराते हुए फाइनल में जगह बनाई। दीपक (49 किग्रा) को वॉकओवर मिला और वह बिना लड़े ही फाइनल में पहुंच गए।
37 साल की सरिता देवी को कांस्य से संतोष करना पड़ा क्योंकि वह 2016 की विश्व चैम्पियन चीन की वेनलू यांग से हार गईं। यह सरिता का एशियाई चैम्पियनशिप में आठवां पदक है, जिसमें पांच सोने के भी पदक शामिल हैं।
सरिता ने 2001 में रजत जीता था और फिर 2003, 2005, 2008, 2010 और 2012 में सोना जीता। 2017 में सरिता ने कांस्य जीता था।
भारत के लिए लगातरा चार एशियाई चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले शिवा थापा (60 किग्रा) को इस बार भी कांस्य से संतोष करना पड़ा क्योंकि वह कजाकिस्तान के जाकिर साफिलुन के हाथों 1-4 से हार गए।