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स्पोर्ट्स डे स्पेशल: भारतीय हॉकी का स्वर्णिम इतिहास, जिसके धुरी थे ‘जादूगर’ ध्यानचंद

Published: Aug 29, 2018 10:18:48 am

Submitted by:

Akashdeep Singh

हॉकी में मेजर ध्यानचंद का रुतबा इस कदर था कि 1936 ओलम्पिक फाइनल मुकाबले में भारत ने जब जर्मनी को 8-1 से मात दी तो जर्मन चांसलर अडोल्फ हिटलर ने उन्हें जर्मन सेना में बड़े पद का प्रस्ताव दे दिया था।

MAJOR DHYANCHAND

स्पोर्ट्स डे स्पेशल: भारतीय हॉकी का स्वर्णिम इतिहास, जिसके धुरी थे ‘जादूगर’ ध्यानचंद

नई दिल्ली। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन पर मनाए जाने वाले स्पोर्ट्स डे पर हम आज आपको इतिहास के उन पन्नों से रूबरू कराएंगे जब भारतीय हॉकी टीम का दबदबा पूरी दुनिया पर था। मेजर ध्यानचंद इस महान समय के धुरी थे। ध्यानचंद ने अपने हॉकी करियर में 400 से अधिक गोल किए थे। हॉकी में उनका रुतबा इस कदर था कि 1936 ओलम्पिक फाइनल मुकाबले में भारत ने जब जर्मनी को 8-1 से मात दी तो जर्मन चांसलर अडोल्फ हिटलर ने उन्हें जर्मन सेना में बड़े पद का प्रस्ताव दिया जिसे ध्यानचंद ने नकार दिया।


ओलम्पिक में भारत के लगातार 6 स्वर्ण-
ओलम्पिक खेलों में पहली बार हॉकी का आयोजन 1908 में हुआ, इन खेलों में और 1920 में हुए खेलों में ग्रेट ब्रिटेन ने स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। इसके बाद 1928, 1932, 1936, 1948, 1952 और 1956 में भारत ने लगातार स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। 1960 में भारत ने स्वर्ण पदक पाकिस्तान के हाथों गंवाया लेकिन अगले ही खेलों में यानी 1964 में भारत ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया। इसके बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1968 और 1972 में कांस्य पदक जीते लेकिन एक बार फिर 1980 में भारत ने स्वर्ण पदक जीता।


ध्यानचंद का हॉकी टीम पर प्रभाव-
29 अगस्त, 1905 में जन्मे ध्यानचंद को हॉकी इतिहास में सबसे महान खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने 1928, 1932 और 1936 में ओलम्पिक स्वर्ण पदक जीता है। इसके अलावा उन्होंने अंतरार्ष्ट्रीय स्टार पर 400 से अधिक गोल दागे थे। उन्होंने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला 1948 में खेला था। 1956 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया। उनका निधन 3 दिसंबर 1979 में हुआ था। ध्यानचंद ने सिर्फ तीन ओलम्पिक पदक ही नहीं जीते बल्कि उन्होंने भारतीय हॉकी में वह विश्वास जताया कि वह अपने शासक देश ग्रेट ब्रिटेन को भी हरा सकता है।


हॉकी टीम से अब कितने उम्मीदें-
भारतीय हॉकी टीम ने 8 ओलम्पिक स्वर्ण पदकों के साथ वर्ल्ड कप में 1 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य पदक जीता है। ओलम्पिक का आखिरी पदक 1980 में और वर्ल्ड कप का आखिरी पदक 1975 में आया था। भारतीय हॉकी टीम ने हाल के समय में अपने खेल को काफी उभारा है, उन्होंने 2016 और 2018 में हुए चैंपियंस ट्रॉफी में दूसरा स्थान पाया है। इससे पता चलता है कि भारतीय टीम ने सुधार किया है । भारतीय टीम इस समय रैंकिंग में पांचवें पायदान पर है और वह इसी साल भुवनेश्वर में हो रहे वर्ल्ड कप के लिए पदक की प्रबल दावेदार है। इसके अलावा एशियाई खेल 2018 में भारतीय हॉकेट टीम का प्रदर्शन अभी तक शानदार रहा है जहां उसने 5 मैचों में 76 गोल दागे हैं और सिर्फ अपने खिलाफ 3 गोल होने दिए हैं।

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