ग्रामीण हरियाणा में जहां बेटियों को सिर्फ घरेलू कामकाज तक सीमित माना जाता ऐसी जगह पर सुखबीर ने अपनी बेटी के सपनों को न सिर्फ समझा, बल्कि उसे पूरा करने में भी साक्षी की मदद की। इसी का परिणाम है कि साक्षी स्पोर्ट्स में अपना करियर बना पाई।
सुखबीर बस कंडक्टर थे, लेकिन सभी विपरित परिस्थितियों के बाद भी वह अपनी बेटी के साथ खड़े रहे। अपनी इस वीडियो अपील के माध्यम से उन्हें लगता है कि वह कई पिता को प्रेरित कर सकेंगे, ताकि वे भी अपनी बेटियों के सपनों को पूरा करने में उनके साथ खड़े रहें।
बताया जा रहा है कि पिता द्वारा भेजे गए वीडियो को देखने के बाद साक्षी की आंखें भर आई और वह खुद को भावुक होने से नहीं रोक पाई। सोशल मीडिया पर इस वीडियो की जमकर प्रशंसा हो रही है। यह संदेश ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के अनुरूप है।