18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ISI वाले उसे यातना देते, कहते कबूलो कि तुम RAW एजेंट हो

आईएसआई ने अपने ही पाकिस्तानी नागरिक को रॉ का एजेंट बताया है। उसका अपहरण कर उसे यातना दी और कहा कि स्वीकार करो कि तुम रॉ एजेंट हो।

2 min read
Google source verification

image

Dharmendra Chouhan

Oct 26, 2017

ISI torture him and said accept you are RAW agent

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अभिव्यक्ति की आवाज को दबाया जा रहा है। सिंगापुर में रह रहे एक पाकिस्तानी ब्लॉगर आसिम सईद का पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने ही अपहरण कर लिया था। आईएसआई (ISI) ने आसिम पर आरोप लगाया कि उनके संबंध भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) से है। इस साल के शुरुआत में आसिम का अपहरण कर लिया गया था। कुछ सप्ताह बाद वे रिहा भी हो गए थे। उन्होंने अब खुलासा किया है कि अपहरणकर्ताओं ने उनसे भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एवं एनेलिसिस विंग (RAW) को लेकर सवाल पूछे थे। वे बेतहाशा यातनाएं दी गई थीं। अपहरणकर्ताओं को शक था कि आसिम के संबंध रॉ से हैं। आसिम ने आरोप लगाया कि अपहरणकर्ता पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के लोग ही थे।

पाक सेना के आलोचक हैं आसिम
आसिम सईद पाकिस्तान के उदारवादी विचारों के सोशल मीडिया एक्टिविस्ट हैं। सईद पांच उन उदारवादी कार्यकर्ताओं में शामिल हैं जिनका इस साल जनवरी में अपहरण हो गया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार आसिम ने अपनी जान को खतरा बताया है और ब्रिटेन में शरण मांगी है। आसिम सईद पाकिस्तान में मोची (MOCHI) नाम से एक फेसबुक पेज पर लिखते हैं। यह पेज पाकिस्तानी सेना का घोर आलोचक है। यह मानते हैं कि जब से पाकिस्तान बना है सेना ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनके देश पाकिस्तान पर राज कर रही है। वे चाहते हैं कि सेना देश की रक्षा करे, न कि देश चलाने वाली सियासत में शामिल हो।

जनवरी में हुआ था अपहरण
जनवरी में हुए अपहरण के बारे में आसिम ने बताया कि जनवरी में वे अपने भाई की शादी में शिरकत करने के लिए वह सिंगापुर से पाकिस्तान आए तो सादे कपड़ों में कुछ लोगों ने उनको एक कार में जबरदस्ती बैठा लिया। इसके बाद एक शख्स ने पूछा कि तुम्हें पता हमने तुम्हें क्यों पकड़ा है। मैं मैंने नहीं कहा तो उसने मुझे जोरदार थप्पड़ मारा। फिर मेरे फेसबुक पेज मोची (MOCHI) के बारे में बातें करने लगा। उन्होंने आसिम से उनका ईमेल अकाउंट और मोबाइल फोन के पासवर्ड मांगे, बाद में उन्हें एक जगह कैद में रखा जहां उनके साथ आतंकी भी थे।

बार-बार पॉलिग्राफ टेस्ट किया
आसिम ने बताया कि उनका बार-बार पॉलिग्राफ टेस्ट किया गया। इसमें बार-बार रॉ को लेकर सवाल पूछे जाते थे। वे बार-बार पूछते थे कि बताओ कि तुम रॉ से कब जुड़े थे। तुम्हारा हैंडलर कौन है। रॉ तुम्हें कितना रुपया देता है। तुम पाकिस्तानी आर्मी का इतना विरोध क्यों करते हो। आसिम को लगा कि वह कभी घर नहीं लौट पाएगा, लेकिन कुछ सप्ताह बाद उसे छोड़ दिया गया था। जब वह घर लौटा तो पता चला कि उसे पर ईशनिंदा का आरोप था।

सिंगापुर में नौकरी, ब्रिटेन से शरण मांगी
रिहाई के बाद वह सिंगापुर लौटा और वहां से ब्रिटेन चला गया। वहां आसमि ने शरणार्थी के रूप में आवेदन करने का फैसला किया है। सिंगापुर के कानून के अनुसार वह तब तक ही वहां रह सकता है जब तक वहां उसकी नौकरी है। आसिम को आशंका है कि उसे कभी भी नौकरी से हटाया जा सकता है। ऐसे में उसे वापस पाक लौटना पड़ेगा। अगर ऐसा हुआ तो उसकी जान जा सकती है, इसलिए उसने ब्रिटेन में शरण मांगी है।