
इस्लामाबाद। आतंक के खिलाफ भारत ने जो पाकिस्तान पर सख्ती और दबाव बनाया था, उसका असर देखने को मिल रहा है। तभी तो फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की बैठक से पहले ही पाक ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सरगना हाफिज सईद (Hafiz Saeed), उसके बहनोई अब्दुल रहमान मक्की और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख मसूद अजहर समेत कई आतंकियों पर कार्रवाई की। आपको बता दें कि FATF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो टेरर फंडिंग की निगरानी रखती है। इस बार 20 और 21 जून को फ्लोरिडा में इसकी एक अहम बैठक होनी है।
हाफिज सईद के दो आतंकी संगठनों पर बैन
संभावना जताई जा रही है इस बैठक के दौरान पाकिस्तान की ओर से आतंकियों के खिलाफ की गई कार्रवाई और उससे संबंधित 27 सूत्रीय मसौदे पर चर्चा की जा सकती है। शायद यही वजह है कि इस बैठक से पहले ही पाकिस्तान ने हाफिज सईद के दोनों आतंकी संगठनों जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इनसानियत समेत संगठनों को प्रतिबंधित कर दुनिया के सामने आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने का संदेश देना चाह रहे हैं।
अक्टूबर तक की है पाकिस्तान की डेडलाइन
आपको याद दिला दें कि बीते मार्च में आयोजित हुए FATF की बैठक में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में बरकरार रखा था। इसके साथ ही FATF ने यह चेतावनी भी दी थी कि अगर पाकिस्तान अक्टूबर 2019 तक उसकी 27 मांगों पर काम पूरा नहीं कर पाता है तो उसे काली सूची (Black List) में डाल दिया जाएगा। बता दें कि अक्टूबर की बैठक पेरिस में आयोजित होनी है।
यह भी पढ़ें-
पाक सुधारना चाह रहा अपनी छवि
बता दें कि बैठक की तारीख नजदीक होते देख पाक ने अपनी छवि सुधारने के प्रयासों में तेजी ला रहा है। इसी कड़ी में बीते 15 मई को पाक प्रशासन ने मक्की को हिरासत में लिया था। यही नहीं, ईद के मौके पर सईद को गद्दाफी स्टेडियम में सभा को संबोधित करने की भी इजाजत नहीं दी गई थी।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..
Updated on:
09 Jun 2019 06:25 am
Published on:
08 Jun 2019 01:14 pm
बड़ी खबरें
View Allपाकिस्तान
विदेश
ट्रेंडिंग
