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जम्मू-कश्मीर मुद्दे को ICJ में उठाने पर पाकिस्तान में दो फाड़, सरकार के विरोध में ये लोग

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने मंगलवार को किया था ICJ जाने का ऐलान अभी भी इस फैसले पर असमंजस में है पाकिस्तान के कई विशेषज्ञ

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imran khan shocked

इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर से अार्टिकल 370 के दो खंडों को खत्म करने के भारत सरकार के फैसले से बौखलाया पाकिस्तान किसी भी हद से गुजरने को तैयार है। बेचैनी का आलम ऐसा है कि पाक बिना स्पष्ट सोच विचार के बयान दे रहा है। इसी कड़ी में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने बयान दिया पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में उठाएगा।

हालांकि, ताजा जानकारी आ रही है कि इस फैसले पर पाकिस्तान दो गुटों में बंटा हुआ है। खुद पाक का विधि मंत्रालय में अभी इसे लेकर असमंजस में है। इस बारे में पाकिस्तान के अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने देश के विधि मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से दी है।

पाकिस्तानी मीडिया में किया जा रहा है ये दावा

दरअसल, मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान, कश्मीर मुद्दे को ICJ में उठाएगा और विधि मंत्रालय जल्द ही इस बारे में विस्तृत विवरण देगा। हालांकि, अखबार की रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि विधि ने अभी इस बारे में अंतिम राय नहीं दिया है। मंत्रालय ने साफ नहीं किया है कि मामले को आईसीजे में उठाया जाए या नहीं।

ICJ मसले पर पाक में दो-राय

मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कई वकीलों ने भी विदेश मंत्री के इस बयान पर आश्चर्य जताया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस बारे में राय बंटी हुई है कि आईसीजे के क्षेत्राधिकार के मद्देनजर मामले को आईसीजे में ले जाया जाए या नहीं।

पीटीआई नेता ने किया ये खुलासा

वहीं, पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) के एक वरिष्ठ नेता ने अखबार को बताया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ब्रिटेन स्थित एक वकील के संपर्क में हैं। वकील का मानना है कि पाकिस्तान को आईसीजे में भारत के खिलाफ कश्मीर मुद्दे को उठाना चाहिए। पीटीआई नेता ने कहा कि एक संघीय मंत्री ने बेन एमर्सन नाम के व्यक्ति से प्रधानमंत्री इमरान खान की मुलाकात कराई जिसने मामले को आईसीजे में उठाने की सलाह दी। इसके बाद ही विदेश मंत्री कुरैशी कश्मीर मुद्दे को आईसीजे में उठाने का ऐलान किया था।

भारत को कटघरे में खड़ा करना नामुमकिन

वहीं, विधि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है कि अनुच्छेद 370 और 35-ए को रद्द किए जाने के कानूनी नतीजों के बारे में आईसीजे से सलाह ली जाए। अंतरराष्ट्रीय कानूनी मामलों के जानकार तैमूर मलिक ने कहा कि इस तरह की सलाह बाध्यकारी नहीं होती लेकिन इससे मुद्दे का 'अंतर्राष्ट्रीयकरण' करने में मदद मिलेगी। अखबार ने अपनी रिपोर्ट में आईसीजे के प्रावधानों के हवाले से यह भी दावा किया कि कश्मीर मामले में भारत को कठघरे में खड़ा कर पाना पाकिस्तान के लिए लगभग नामुमकिन होगा।