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राजस्थान में यहां के प्रसिद्ध हैं गाल के लड्डू, देश ही नहीं विदेश में भी रहती है मांग

-रतनदास वैष्णव ने 1971 में गाल के लड्डू बनाने किए थे शुरू-घी, शक्कर, मावा, इलायची, सुखी गुलाब पत्ती आदि से तैयार करवाए जाते हैं स्वादिष्ट लड्डू

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पाली

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Suresh Hemnani

Sep 11, 2019

राजस्थान में यहां के प्रसिद्ध हैं गाल के लड्डू, देश ही नहीं विदेश में भी रहती है मांग

राजस्थान में यहां के प्रसिद्ध हैं गाल के लड्डू, देश ही नहीं विदेश में भी रहती है मांग

पाली/सोजत। बहुत कम लोग जानते हैं कि विश्व प्रसिद्ध मेहंदी नगरी सोजत [ Mehndi Nagari Sojat ] की एक और खासियत है, जो विगत चालीस-पचास वर्षों में देश विदेश में लोकप्रिय मिठाई के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुकी है। विदेशी सैलानी एवं विदेश से आने वाले मेहंदी के व्यापारी सोजत में आते हैं तो वे यहां के प्रसिद्ध गाल के लड्डू [ Gal ke laddu ] लेना नहीं भूलते।
लोगों में गाल के लड्डू का क्रेज सिर चढकऱ बोल रहा है।

जब भी कोई त्योहार या पारिवारिक कार्य होते है तो गाल के लड्डू प्राथमिकता से बनाए जाते हैं। मेहमान आता है तो मेहमाननवाजी में माहिर सोजतवासी वापसी के समय उसके साथ सोजत की मेहंदी के साथ साथ गाल के लड्डू अवश्य बांधते हैं। अब ये मिठाई अन्य नगरों में भी लोकप्रिय होती जा रही है। देशी गेहूं की कणक की गाल या आजकल इसकी जगह मैदे का प्रयोग होता है। घी, शक्कर, मावा, इलायची, सुखी गुलाब पत्ती आदि से ये स्वादिष्ट लड्डू तैयार करवाए जाते हैं।

बेंगलूरु ही नहीं, अमरीका और दुबई तक है मांग
व्यापारी कैलाशदास, मुकेशदास वैष्णव का कहना है कि गाल के लड्डू प्रवासीबंधु भी बड़े चाव से खाते है। यह लड्डू एक माह तक खराब नहीं होते। मुम्बई, बेंगलूरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली के साथ अमरीका, दुबई में रहने वाले प्रवासी भी यहां के लड्डु पसंद करते हैं। यहां से रिश्तेदारों के माध्यम से मंगवाते हैं। वैष्णव ने बताया कि उनके पिता रतनदास 1971 से इस कार्य में लगे हुए थे। अब उनकी तर्ज पर गाल के लड्डू बनाकर बिक्री कर रहे है।